कंपनी के लिए नाम का चुनाव जरूरी था। इस बीच जॉब्स ‘ऑल वन फार्म’ की यात्रा से लौटा था और वोज उसे सैन जोस हवाई अड्डे पर लिवाने गया था। लोस अल्टोस लौटते हुए दोनों कंपनी के नाम पर चर्चा करने लगे थे। दोनों के बीच मैट्रिक्स, एक्जीक्युटेक, पर्सनल कंप्यूटर इनकॉरपोरेशन आदि नामों पर बहस हुई थी, लेकिन किसी को भी कोई नाम पसंद नहीं आया था। जॉब्स ने एक दिन बाद कंपनी का दस्तावेज दाखिल करने की समय-सीमा तय कर दी थी। अगले दिन जॉब्स ने वोज के सामने ‘एप्पल कंप्यूटर’ नाम सुझाया और ऐलान कर दिया कि यदि वे उससे अगली दोपहर तक कोई बेहतर नाम नहीं ढूँढ़ सके तो उसी नाम से कंपनी का दस्तावेज दाखिल कर दिया जाएगा। वोज इस बात से सहमत हो गया था। वे किसी दूसरे नाम पर सहमत नहीं हो सके थे और अंततः कंपनी दस्तावेज में ‘एप्पल कंप्यूटर’ नाम दाखिल कर दिया गया था। कंपनी नामकरण की घटना के बारे में वाल्टर आइसेक्सन से बातचीत में जॉब्स ने याद किया था
APPLE KI SAFALTA KE RAAJ by PRADEEP THAKUR: "APPLE KI SAFALTA KE RAAJ" explores the success secrets of Apple Inc., one of the world's leading technology companies. Pradeep Thakur delves into the history, innovations, and strategies that have contributed to Apple's success in the global market.
Key Aspects of the Book "APPLE KI SAFALTA KE RAAJ":
Apple's Journey: Pradeep Thakur provides a comprehensive account of Apple's history, from its founding to its evolution into a technology giant.
Innovations and Design: The book explores Apple's iconic product designs, technological innovations, and its impact on consumer electronics.
Business Strategies: Readers can gain insights into the strategies employed by Apple to maintain its position as a leading brand.
PRADEEP THAKUR is an author known for his work in analyzing and showcasing the success stories of prominent brands. In "APPLE KI SAFALTA KE RAAJ," he offers readers an opportunity to explore the secrets behind Apple's remarkable success.