वे एक चतुर तथा बुद्धिमान व्यक्ति थे। और साथ ही बड़े हाजिर जवाब भी थे, उनके आगे तो राजा भी हार मान जाते। वे अपनी सूझबूझ और चतुराई से, बड़ी-से-बड़ी मुश्किल को आसानी से चुटकियों में हल कर देते। वे राजा के बड़े प्रिय, भरोसेमंद व सराहनीय मित्रों में से थे।
यहाँ हम तेनालीराम व कृष्णदेव राय की कुछ रोचक कहानियाँ चित्रों सहित प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा करते हैं कि पुनः पाठक इन्हें पढ़कर आनंदित होंगे।