दुनिया की हर भाषा में यह उक्ति बहुत लोकप्रिय है—‘पहला सुख निरोगी काया’। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है—A Sound Mind exists in a Sound Body. इसलिए अच्छे स्वास्थ्य, निरोगी शरीर से बढ़कर संसार में कोई सुख नहीं। जहाँ समस्याएँ होती हैं वहाँ उनका समाधान भी अवश्य होता है। ऐसे ही बीमारियाँ हैं तो उनका इलाज भी है। इसके लिए अनेक चिकित्सा-पद्धतियाँ उपयोग में लाई जा रही हैं। यह सच है कि आज संसार भर के लोग एलोपैथी के दुष्प्रभावों से आतंकित हैं, फलतः अधिकाधिक लोग आयुर्वेद एवं देसी चिकित्सा की ओर आकर्षित हो रहे हैं। 'घर का डॉक्टर' में सामान्य बीमारियों के देसी इलाज/उपचार दिए गए हैं। ये देसी दवाइयाँ हमारे घर/रसोई में मौजूद हैं। इनके लिए बाजार या मेडिकल स्टोर की ओर दौड़ना नहीं पड़ता। ये नुस्खे सहज सुलभ हैं। इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य भी यही है कि हमारे घर में जो चीजें उपलब्ध हैं, उन्हीं से इन बीमारियों का तुरंत इलाज कर लिया जाए। इससे हमारी परंपरागत देसी-घरेलू चिकित्सा भी पुनर्जीवित होगी। आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि पाठकगण इससे लाभ उठाकर स्वयं अपने घर-परिवार को रोग-मुक्त बनाएँगे।