Rajabhoj Ko Rajatva

· Nachiket Prakashan
4,7
9 mnenj
E-knjiga
92
Strani
Ocene in mnenja niso preverjeni. Več o tem

O tej e-knjigi

राजा भोज को राजत्व येव खंडकाव्य चक्रवर्ती महाराजा भोज को शासन पर आधारित से. येको मा राजा भोज को राजकीय दृष्टिकोण, प्रजा को प्रति दृष्टिकोण,शासकीय नीति, शौर्य, साम्राज्य स्थापना का प्रयास, जनहितकारी कार्य आदि. विषयों की जानकारी उपलब्ध से.राजा भोज को शासन मा महारानी लीलावती ला भी महत्वपूर्ण स्थान होतो. येको कारण येन् खंडकाव्य मा लीलावती ला भी महत्वपूर्ण स्थान देयेव गयी से.

महाराजा भोज व महारानी लीलावती इतिहास मा अद्वितीय सेत. महाराजा भोज की शौर्य ना ज्ञान, दूही क्षेत्र मा ख्याति से. महारानी लीलावती भी विदुषी को रुप मा विख्यात होती. . प्राचीन भारत मा  विश्वआरा, अपाला,घोषा, गार्गी, लोपामुद्रा, मैत्रेई, सिकता, रत्नावली आदि. विख्यात विदुषी भयी, तसीच मध्ययुगीन भारत मा महारानी लीलावती, विदुषी को रुप मा विख्यात होती. लीलावती कन्या शिक्षा ला प्रोत्साहित करत होती. पाठशालाओं को निरीक्षण करत होती. अध्यापिकाओं ला मार्गदर्शन करत होती. नवरत्नों को दरबार मा शास्त्रार्थ करत होती व अजिंक्य साबित होत होती. येन् ‌उपलब्ध तथ्यों को आधार पर प्रस्तुत लेखक‌ द्वारा  राजा भोज को वर्तमान इतिहास पर संशोधित विचार भी प्रस्तुत करेव गया सेत . नवीन संशोधित विचार को अनुसार‌ -"महारानी लीलावती प्रजावत्सल रानी होती. राजा भोज को राजत्व मा लीलावती की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती. महाराजा भोज की सफलता मा महारानी ‌लीलावती को महत्वपूर्ण योगदान होतो.रानी लीलावती या महाराजा भोज की केवल अर्धांगिनी नहीं बल्कि एक प्रमुख राजनीतिक सलाहकार भी होती."  

उपरोक्त संशोधन को कारण राजा भोज को राजत्व को एक अज्ञात पहलू आता पूर्ण आवेग लक प्रकाशमान भयी से. येको कारण राजा भोज को राजत्व येव ग्रंथ ‌ज्ञानवर्धक , रोचक व अप्रतिम बन गयी से.

🔶🔷

Ocene in mnenja

4,7
9 mnenj

O avtorju

१.नाव-ओंकारलाल चैतराम पटले

२.जन्म दिनांक - १० फरवरी१९४६.

३.जन्मभूमि-मोहाड़ी , तहसील -गोरेगांव, जिला -गोंदिया (महाराष्ट्र)४४१८०७.

४.कर्मभूमि-आमगांव जिला -गोंदिया (महाराष्ट्र)४४१९०२.

५.शैक्षणिक योग्यता - एम.ए. (इतिहास), एम.ए. (राजनीति शास्त्र), एम.एड्. राजनीति शास्त्र विषय मा नागपुर युनिवर्सिटी टाॅपर.

६.व्यावसायिक अनुभव - भवभूति महाविद्यालय, आमगांव मा प्राध्यापक, श्री शंकरलाल अग्रवाल बी.एड् . काॅलेज गोंदिया मा प्राचार्य.

‌७.प्रकाशित ग्रंथ -  (१) प्रतिबिंब (श्री.लक्ष्मणराव मानकर गुरुजी जीवनचरित्र) - २०००.  (२) भवभूति अब गीतों में -२००४. (३)वीर राजे चिमना बहादुर च्या विशेष संदर्भासहित-) उत्तर मध्ययुगीन परगने कामठया (१७५१-१८१८) चा इतिहास, इंडियन कौंसिल आफ हिस्टारिकल रिसर्च (ICHR), भारत सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त ग्रंथ -२०१८. ‌(४) राजाभोज महाकाव्य -२०१९. ‌(५)पोवारी भाषा संवर्धन: मौलिक सिद्धांत व व्यवहार -२०२२. (६)पोवारों का इतिहास (१६५८-२०२२))-२०२३. (७) समाजोत्थान का मौलिक सिद्धांत -२०२३.

८.संशोधनात्मक लेख - (१)भवभूति संबंधी लेख प्राचीन तीर्थ संरक्षिणी (लखनऊ), जैन बालादर्श (प्रयागराज), अमर उजाला (आगरा) मा प्रकाशित.(२) शिक्षण संबंधी लेख शिक्षण संक्रमण (पुणे) अना शिक्षण समीक्षा (नागपुर) मा प्रकाशित.

९ गीत रचना - स्वामी विवेकानन्द, स्वामी रामकृष्ण परमहंस अना राष्ट्रीय विषयों पर रचित कविताएं केंद्र भारती (जोधपुर) व विवेक ज्योति (रायपुर) मा प्रकाशन.

१०. आडिओ सी.डी. प्रकाशित - महाकवि कालिदास, महाकवि भवभूति, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, भारत के कोहिनूर डाॅ.भीमराव आंबेडकर.       

११.  दूरदर्शन साक्षात्कार -(१) इ.टी.व्ही.की सह्याद्रि उपवाहिनी अना रायपुर दूरदर्शन लक महाकवि भवभूति को इतिहास संबंधी साक्षात्कार को प्रसारण.-२००३. (२) यूट्यूब को झक्कास मराठी मिडिया द्वारा महाकवि भवभूति व वीर राजे चिमणा बहादुर को इतिहास को प्रसारण.-२०२२.

अनुवादित ग्रंथ-

१२.अनुवादित ग्रंथ -महर्षि जैमिनी रचित व रामगोपाल अग्रवाल द्वारा प्रकाशित "अग्रभागवत" संस्कृत ग्रंथ को मराठी अनुवाद.-२०१८.

13. सामाजिक कार्य - (१)भवभूति रिसर्च अकॅडमि, आमगांव - अध्यक्ष (रजि.क्र.महा.२६७/२०११ गोंदिया, महाराष्ट्र) (२) पोवारी भाषिक क्रांति प्रणेता, सनातन हिन्दू धर्म अना वैनगंगा तटीय पोवार समुदाय मा जनजागृति को कार्य. (३)वीर राजे चिमना बहादुर फाउंडेशन , गोंदिया का सक्रिय सदस्य.

१४.आगामी प्रकाशन -

(१) दिग्विजय महाकाव्य (स्वामी विवेकानन्द इनको जीवन -चरित्र पर आधारित)

(२) गोंदिया जिला को स्वर्णिम इतिहास (१७५१-२०२२)

(३) ग्राम दर्शन (Village Philosophy)

 🔷🔶

Ocenite to e-knjigo

Povejte nam svoje mnenje.

Informacije o branju

Pametni telefoni in tablični računalniki
Namestite aplikacijo Knjige Google Play za Android in iPad/iPhone. Samodejno se sinhronizira z računom in kjer koli omogoča branje s povezavo ali brez nje.
Prenosni in namizni računalniki
Poslušate lahko zvočne knjige, ki ste jih kupili v Googlu Play v brskalniku računalnika.
Bralniki e-knjig in druge naprave
Če želite brati v napravah, ki imajo zaslone z e-črnilom, kot so e-bralniki Kobo, morate prenesti datoteko in jo kopirati v napravo. Podrobna navodila za prenos datotek v podprte bralnike e-knjig najdete v centru za pomoč.