इस संग्रह की सारी कविताएँ भिन्न-भिन्न प्रकार से जीवन के प्रति विश्वास पैदा करती हैं, यानी सबमें रात से निकला हुआ सुप्रभात व्याप्त है। कवि की संवेदनशीलता और मूल्यधर्मिता उस आमजन के दर्द तथा महत्त्व की गहरी पहचान कर लेती है, जो ऊँचा कहे जानेवाले समाज की दृष्टि से ओझल है और तुच्छ है।—रामदरश मिश्र