SAMAKALIN SAHITIK

· MEHTA PUBLISHING HOUSE
ইবুক
204
পৃষ্ঠা
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এই ইবুকখনৰ বিষয়ে

महाराष्ट्रातील वर्तमान वाचकपिढी ही त्रिभाषा सूत्राच्या शिक्षण पद्धतीचे अपत्य होय. प्रत्येक मराठी वाचक मराठी, हिंदी आणि इंग्रजी भाषा केवळ जाणतोच असे नाही, तर त्याचं साहित्यिक वाचन या तीन भाषांच्या हातात हात घालत आपसूक चतुरस्त्र होतं. आपण समकालीन साहित्य वाचतो खरे; पण समकालीन साहित्यिकांचे जीवन, साहित्यसंपदा, साहित्यिक वैशिष्ट्ये यांची विविध माहिती आपणास असतेच असे नाही. ती उणीव भरून काढणारे हे पुस्तक म्हणजे वाचकांच्या साहित्यिक जाणिवा समृद्ध व प्रगल्भ करणारे संचित. डॉ. सुनीलकुमार लवटे स्वत: या तीनही भाषांचे व्यासंगी लेखक, समीक्षक, भाषांतरकार, संशोधक, संपादक असल्याने त्यांच्या लेखन, वाचन, विचार समृद्धीचा हा ऐवज वाचत आपणही केव्हा समृद्ध होऊन जातो ते कळतच नाही मुळी! 

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