Kavita Ke Phool

· Book Rivers
4.7
3 reviews
Ebook
140
Pages
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Ratings and reviews

4.7
3 reviews
Archana Kadam
March 24, 2023
सच्चिदानंद जी आपके नाम की तरह ही आपकी कविता में सच उजागर होता है। क्लिष्ट शब्दों का प्रयोग न करते हुए सरल ,सहज शब्द शैली सीधे हृदय पर हावी होती है तथा कविता का मर्म स्पष्ट करती है। पाठको के शुरुआती दौर में पठन हेतु ये फूल निश्चित ही अपनी सुगंध से नए पाठको को आकर्षित करेंगे। साथ ही साथ आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं देना चाहूंगी एवं एक कवि के रूप में आपकी छवि और अधिक आलोकित हो यही आशामय बधाई देना चाहूंगी। पाठको से अनुरोध है कि वे अग्रलिखित दोनो किताबो के फूलों की महक अवश्य लें : - 1.मुक्तक के फूल 2.कविता के फूल
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Barku Shingade
March 26, 2023
सच्चिदानंद जी आपका काव्य साहित्य सृजन बहुत अच्छा है. कविता के फूल काव्य साहित्य में व्यक्ती का जीवन क्रम और प्राकृतिक दिनचर्या का बेजोड समन्वय उजागर होता है. आगे ही इस तरह का समाजाभिमुख साहित्य आपके हातो से सृजीत होगा, यही आपको हार्दिक शुभकामनाये.
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