Sagar-Manthan

· Vani Prakashan
৫.০
১ টা পৰ্যালোচনা
ইবুক
310
পৃষ্ঠা
মূল্যাংকন আৰু পৰ্যালোচনা সত্যাপন কৰা হোৱা নাই  অধিক জানক

এই ইবুকখনৰ বিষয়ে

 इस उपन्यास का नाम कुछ पौराणिक-सा लगता है किन्तु यह तनिक भी पौराणिक नहीं है। यह नरेन्द्र कोहली का पहला उपन्यास है, जो समकालीन है और विदेशी धरती पर लिखा गया है। विदेशी धरती ही नहीं, इसमें अनेक महाद्वीपों के लोगों के परस्पर गुँथे होने और एक नया संसार गढ़ने की कथा है। परिणामतः उनके हृदय में और परस्पर सम्बन्धों में अनेक विरोध भी हैं और अनेक विडम्बनाएँ भी। जहाँ इतिहास है, वहाँ उस ऐतिहासिक काल की कड़वाहट भी है, जिसे न आप भूल सकते हैं, न उसके कारणों को दूर कर सकते हैं। जहाँ वर्तमान है, वहाँ अपने मूल देश के प्रति प्रेम भी है और छिद्रान्वेषण भी। न स्वयं को अपने देश से असम्पृक्त कर सकते हैं और न उसको उसकी त्रुटियों के साथ स्वीकार कर सकते हैं। न देश के अपने हो पाये, न पराये। न उसे स्वीकार कर पाये, न अस्वीकार। इसके चरित्र व्यक्ति नहीं हैं, वे प्रवृत्तियाँ हैं, जो अभी स्थिर नहीं हो पायी हैं। वे परिवर्तन की चक्की में पिस रहे हैं और अपने वास्तविक रूप को जानने का प्रयत्न कर रहे हैं। अपने देश को स्मरण भी करते हैं और उसे भूल भी जाना चाहते हैं। जिनके प्रति प्रेम है, उन्हें भूलना चाहते हैं; और जिन्हें प्रेम नहीं करते, उन्हें अपनाना चाहते हैं। उनसे मिलना भी चाहते हैं और उनसे दूर भी रहना चाहते हैं। कुल मिलाकर यह परिवर्तन और नये निर्माण की कथा है। कहा नहीं जा सकता कि वह नया निर्माण कैसा होगा।

মূল্যাংকন আৰু পৰ্যালোচনাসমূহ

৫.০
১ টা পৰ্যালোচনা

এই ইবুকখনক মূল্যাংকন কৰক

আমাক আপোনাৰ মতামত জনাওক।

পঢ়াৰ নির্দেশাৱলী

স্মাৰ্টফ’ন আৰু টেবলেট
Android আৰু iPad/iPhoneৰ বাবে Google Play Books এপটো ইনষ্টল কৰক। ই স্বয়ংক্রিয়ভাৱে আপোনাৰ একাউণ্টৰ সৈতে ছিংক হয় আৰু আপুনি য'তে নাথাকক ত'তেই কোনো অডিঅ'বুক অনলাইন বা অফলাইনত শুনিবলৈ সুবিধা দিয়ে।
লেপটপ আৰু কম্পিউটাৰ
আপুনি কম্পিউটাৰৰ ৱেব ব্রাউজাৰ ব্যৱহাৰ কৰি Google Playত কিনা অডিঅ'বুকসমূহ শুনিব পাৰে।
ই-ৰীডাৰ আৰু অন্য ডিভাইচ
Kobo eReadersৰ দৰে ই-চিয়াঁহীৰ ডিভাইচসমূহত পঢ়িবলৈ, আপুনি এটা ফাইল ডাউনল’ড কৰি সেইটো আপোনাৰ ডিভাইচলৈ স্থানান্তৰণ কৰিব লাগিব। সমৰ্থিত ই-ৰিডাৰলৈ ফাইলটো কেনেকৈ স্থানান্তৰ কৰিব জানিবলৈ সহায় কেন্দ্ৰত থকা সবিশেষ নিৰ্দেশাৱলী চাওক।