Samriddha Jeevan Kaise Jiye

Manjul Publishing
3.9
13 reviews
eBook
164
Pages
Ratings and reviews aren’t verified  Learn more

About this eBook

 जीवन में हमारे साथ जो होता है वह 10 प्रतिशत ही महत्वपूर्ण है, जबकि उस पर हमारी प्रतिक्रिया 90 प्रतिशत मायने रखती है. हमारे नज़रिये की बागडोर हमारे हाथों में रहती है.इस पुस्तक में डेल कारनेगी हमें सलाह देते हैं कि हम अपने व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण गुणों को अपनाकर ज़्यादा संतुष्टिदायक व सुखी जीवन कैसे जी सकते हैं : आत्म-विश्वास
उत्साह 
लक्ष्य निर्धारित करने और हासिल करने की योग्यता 
सकारात्मक नज़रिया
साहस
विपत्तियों से उबरने की क्षमता हममें से ज़्यादातर लोग एक-तिहाई ज़िन्दगी सोने में बिताते हैं, और कम से कम एक-तिहाई अपने करियर या अपने परिवार की देख-रेख करने में बिताते हैं. बचे हुए समय में हम मनोरंजन, सांस्कृतिक या धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं या बस समय बर्बाद करते हैं. बहुत सारे लोग नीरस जीवन जीते हैं, असंतोषजनक काम-धंधा करते हैं और अपना खली समय निरर्थक गतिविधियों में व्यर्थ गँवा देते हैं. यह पुस्तक बताती है कि हम कैसे इस जाल में फँस जाते हैं और समस्याओं से उबार कर एक बेहतर, उपयोगी तथा ज़्यादा संतुष्टिदायक जीवन की और किस प्रकार बढ़ सकते हैं.

Ratings and reviews

3.9
13 reviews
Santosh
20 July 2024
Mera manna hai yeh sabse achhi Kitabo mei se ek hai
Did you find this helpful?
Reddaiah Raju
14 August 2019
...... ...
24 people found this review helpful
Did you find this helpful?

About the author

 डेल कार्नेगी एक अमेरिकी लेखक और व्याख्याता थे. वे सेल्फ हेल्प मूवमेंट के प्रवर्तक माने जाते हैं और सेल्स, कॉर्पोरेट प्रशिक्षण, कुशल वक्तव्य और पारस्परिक कौशल में प्रसिद्ध पाठ्यक्रमों के डेवलपर थे। मिसौरी में एक खेत पर गरीबी में पैदा हुए, वह 'हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इंफ्लुएंंस पीपल' (1936) के लेखक थे, जो हमेशा से ही बेस्टसेलर रही है और आज भी इसकी लोकप्रियता में कमी नहीं आई है। उन्होंने 'हाउ टू स्टॉपिंग एंड स्टार्ट लिविंग' (1948), 'लिंकन द अननोन' (1932), और कई अन्य पुस्तकें भी लिखीं। उनकी पुस्तकों में मूल विचारों में से एक यह है कि दूसरों के प्रति हमारे व्यवहार को बदलकर अन्य लोगों के व्यवहार को बदलना संभव है।

Rate this eBook

Tell us what you think.

Reading information

Smartphones and tablets
Install the Google Play Books app for Android and iPad/iPhone. It syncs automatically with your account and allows you to read online or offline wherever you are.
Laptops and computers
You can listen to audiobooks purchased on Google Play using your computer's web browser.
eReaders and other devices
To read on e-ink devices like Kobo eReaders, you'll need to download a file and transfer it to your device. Follow the detailed Help Centre instructions to transfer the files to supported eReaders.