Sanskritik Rashtravaad: Sanskritik Rashtravaad: Examining the Role and Significance of Cultural Nationalism in India

· Prabhat Prakashan
3.0
1ଟି ସମୀକ୍ଷା
ଇବୁକ୍
208
ପୃଷ୍ଠାଗୁଡ଼ିକ
ରେଟିଂ ଓ ସମୀକ୍ଷାଗୁଡ଼ିକୁ ଯାଞ୍ଚ କରାଯାଇନାହିଁ  ଅଧିକ ଜାଣନ୍ତୁ

ଏହି ଇବୁକ୍ ବିଷୟରେ

हमारे देश की एकता का मुख्य आधार हमारी संस्कृति है। यही कारण है कि हमारे देश के राष्ट्रवाद को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ही संज्ञा दी गई है। जिस प्रकार शरीर बिना आत्मा के निरर्थक है; उसी प्रकार संस्कृति से रहित देश निष्प्राण हो जाता है। भारत देश मूलतः संस्कृति प्रधान देश है। हमारे यहाँ जीवन मूल्यों का महत्त्व है; हमारे राष्ट्र का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद अजर-अमर है।
हमारे राष्ट्र की मूल अवधारणा का केंद्र-बिंदु ही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है। हमारी संस्कृति विश्व को जोड़ने का कार्य करती है। भारतीय आत्मा की सृजनात्मक अभिव्यक्ति सबसे पहले दर्शन; धर्म व संस्कृति के क्षेत्रों में हुई।
भारत को ‘भारतमाता’ कहना ही हमारे ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ के संस्कार को दरशाता है। हमारी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ही यह देन है कि हम अपने देश में पत्थर; नदियाँ; पहाड़; पेड़-पौधे; पक्षी और संस्कृति पोषक को सदैव पूजते हैं। हमारी उदारता; संवदेनशीलता; मानवता के साथ-साथ सहिष्णुता का मूल कारण हमारी सांस्कृतिक विरासत ही है।
राष्ट्रवादी विचारधारा ने अपनी सैद्धांतिक निष्ठाओं में ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ को महत्त्वपूर्ण क्यों माना है। किसी भी जीवंत राष्ट्र के लिए सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के क्या मायने? क्या संस्कृति से कटकर कोई राष्ट्र प्रगति कर सकता है? ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ का यह सही स्वरूप जन-जन तक पहुँचे; इसी दृष्टि से इस पुस्तक का संयोजन किया गया है। ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ विषय को राष्ट्रवादी विचारधारा के शीर्ष नेतृत्व एवं कुछ प्रसिद्ध लेखकों के विचारों और लेखों के माध्यम से रखने का प्रयत्न किया है।

ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ ଓ ସମୀକ୍ଷା

3.0
1ଟି ସମୀକ୍ଷା

ଏହି ଇବୁକ୍‍କୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ

ଆପଣ କଣ ଭାବୁଛନ୍ତି ତାହା ଆମକୁ ଜଣାନ୍ତୁ।

ପଢ଼ିବା ପାଇଁ ତଥ୍ୟ

ସ୍ମାର୍ଟଫୋନ ଓ ଟାବଲେଟ
Google Play Books ଆପ୍କୁ, AndroidiPad/iPhone ପାଇଁ ଇନଷ୍ଟଲ୍ କରନ୍ତୁ। ଏହା ସ୍ଵଚାଳିତ ଭାବେ ଆପଣଙ୍କ ଆକାଉଣ୍ଟରେ ସିଙ୍କ ହୋ‍ଇଯିବ ଏବଂ ଆପଣ ଯେଉଁଠି ଥାଆନ୍ତୁ ନା କାହିଁକି ଆନଲାଇନ୍ କିମ୍ବା ଅଫଲାଇନ୍‍ରେ ପଢ଼ିବା ପାଇଁ ଅନୁମତି ଦେବ।
ଲାପଟପ ଓ କମ୍ପ୍ୟୁଟର
ନିଜର କମ୍ପ୍ୟୁଟର୍‍ରେ ଥିବା ୱେବ୍ ବ୍ରାଉଜର୍‍କୁ ବ୍ୟବହାର କରି Google Playରୁ କିଣିଥିବା ଅଡିଓବୁକ୍‍କୁ ଆପଣ ଶୁଣିପାରିବେ।
ଇ-ରିଡର୍ ଓ ଅନ୍ୟ ଡିଭାଇସ୍‍ଗୁଡ଼ିକ
Kobo eReaders ପରି e-ink ଡିଭାଇସଗୁଡ଼ିକରେ ପଢ଼ିବା ପାଇଁ, ଆପଣଙ୍କୁ ଏକ ଫାଇଲ ଡାଉନଲୋଡ କରି ଏହାକୁ ଆପଣଙ୍କ ଡିଭାଇସକୁ ଟ୍ରାନ୍ସଫର କରିବାକୁ ହେବ। ସମର୍ଥିତ eReadersକୁ ଫାଇଲଗୁଡ଼ିକ ଟ୍ରାନ୍ସଫର କରିବା ପାଇଁ ସହାୟତା କେନ୍ଦ୍ରରେ ଥିବା ସବିଶେଷ ନିର୍ଦ୍ଦେଶାବଳୀକୁ ଅନୁସରଣ କରନ୍ତୁ।