भाव काव्यांजलि, प्रार्थना है
मेरी श्रद्धा माला, उपासना है
जिसका पंचभूतों में वास है
सकल अनुकम्पा प्रकाश है
उसके गुणों का वर्णन है ये
असीम का सीमित संकलन ये
जाकी महिमा पार न पाए
ऋषि, मुनि नित ध्यान लगाए
जो पढ़े जीवन दिशा को पाए
लेखन मेरा सफल हो जाए