आज मनोरंजन के इतने साधन उपलब्ध हैं कि हर इंसान उनके पीछे भागता रहता है। अगर उसे मनोरंजन नहीं मिला तो वह छटपटा जाता है। यहाँ तक कि आज के बच्चे भी मोबाईल नहीं मिला तो चिढ़चिढ़ करते हैं। ऐसे वातावरण में मन को शांति कैसे मिले? और विचारों की दंगल कैसे खत्म हो?
इस पृष्ठभूमि के आधार पर काल्पनिक कहानी के रूप में प्रस्तुत किए गए इस पुस्तक में आपको आतंरिक शोर से शांति प्राप्त करने का ज़रिया मिलेगा। इसके अलावा इस पुस्तक में पढ़ें ः
* जीवन में विचारों का क्या महत्त्व है?
* मन आपका अच्छा मित्र कैसे बन सकता है?
* मन के शोर का मूल कारण क्या है?
* आंतरिक शोर से मुक्ति पाने के स्थाई उपाय कौन से हैं?
* विचारों के शोर से मुक्ति पाने के लिए ध्यान का उपयोग कैसे करें?
* खुली आँखों से ध्यान कैसे करें?
यह पुस्तक पढ़ने के बाद कहानी के नायक के साथ आप भी जीवन के सबसे मुख्य और मूल सवाल की तरफ बढ़ पाएँगे। आइए, आज की भाषा में लिखी गई इस कहानी के नायक की तरह हम सभी इस पुस्तक के साथ मनन करें और पाएँ उस अवस्था का स्वाद, जिसे पाने हम पृथ्वी पर आए हैं।
सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।
उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।
सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’
सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।