कुश्ती एक ऐसा खेल है; जहाँ मात्र शरीर ही हथियार होता है। यदि आप प्रोफेशनल पहलवान बनना चाहते हैं अथवा इसके प्रति वास्तव में गंभीर हैं तो लगातार व नियमित रूप से अपनी शारीरिक ऊर्जा शक्ति को सक्रिय रखने तथा उसे बनाए रखने के लिए ट्रेनिंग की जरूरत होती है। एक पहलवान को हर समय शारीरिक रूप से फिट व चुस्त-दुरुस्त रहना चाहिए। चाहे वह डुअल मीट्स तथा कुश्ती टूर्नामेंट्स में भाग नहीं भी ले रहा हो; लेकिन उसे स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करनी ही चाहिए। एकमात्र वर्कआउट के जरिए ही आपका वेट तथा स्ट्रेंथ मेंटेन रहेगा।
कुश्ती के विविध स्वरूप हैं। इनमें आर.ए.डब्ल्यू.; स्मैक डॉउन; नो वे आउट; एस.एन. मेन इवेंट्स; रेसल मैनिया; हीट; डब्ल्यू. डब्ल्यू. ई.; डब्ल्यू. डब्ल्यू. डब्ल्यू. एफ.; वेलोसिटी; जूनियर; सीनियर टैग टीम आदि उल्लेखनीय हैं।
इस पुस्तक में खेल के सभी तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डालने की कोशिश की है। कुश्ती को अपना कॉरियर बनानेवालों; इसमें दिलचस्पी रखनेवाले छात्र-छात्राओं को खेल से जुड़े बुनियादी नियमों व तथ्यों की जानकारी भी दी गई है। निश्चित ही यह पुस्तक खेल-प्रेमियों को पसंद आएगी।Kushti : Khel Aur Niyam by SURENDRA SHRIVASTAVA: "Kushti : Khel Aur Niyam" is likely a book that focuses on the sport of wrestling (kushti) and its rules and regulations.
Key Aspects of the Book "Kushti : Khel Aur Niyam":
Sport Exploration: The book may provide insights into the world of wrestling, including its history, techniques, and cultural significance.
Rulebook: It might serve as a guide to the rules and regulations governing the sport of kushti, making it useful for athletes and enthusiasts.
Athletic Culture: "Kushti : Khel Aur Niyam" could delve into the rich athletic culture surrounding the sport.
The author, SURENDRA SHRIVASTAVA, may have expertise in wrestling or a passion for promoting sports and physical fitness.