TAHREEREIN: ULJHI-SULJHI SI

· · · ·
· Geel Infix Publishing Services
E-kitob
100
Sahifalar soni
Reytinglar va sharhlar tasdiqlanmagan  Batafsil

Bu e-kitob haqida

‘तहरीरें…उलझी-सुलझी सी’ जील इन्फ़िक्स पब्लिशिंग सर्विसेज की ओर से संकलन श्रृंखला की ये दसवीं किताब है, जिसमें कोशिश की गई है कि नये लेखक-लेखिकाओं और पूर्व से ही प्रकाशित अनुभवी एवं मंझे हुए अन्य लेखक-लेखिकाओं को एक मंच पर, एक किताब की सूरत में लाने की, ताकि उनके ख़ूबसूरत ख़यालात उन लोगों तक पहुँच सके, जो इन चीज़ों की परख रखतें हैं। ये किताब उन पाँच लोगों की लेखनी से सराबोर है, जिनकी लिखी कवितायें आप सबके ज़ेहन में सालों तक अपनी पैठ बनाये रखेंगी। मेरी ये कोशिश, कि लोगों का वो हुनर जो लेखनी की दुनिया में है, वो कहीं छिपा न रह जाये और जो पूर्व से ही प्रकाशित लेखक-लेखिका हैं, उन्हें एक और दायरा मिले, एक नया ज़रिया मिले, उन लोगों का मार्गदर्शन करने का जो अभी नये हैं।

Muallif haqida

सरल हँसमुख साहित्यकार डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह, वालिदे मोहतरम् जनाब अशफ़ाक़ अहमद शाह का जन्म ग्राम बलड़ी, तह. हरसूद, जिला खण्डवा में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा ग्राम बलड़ी में हुई । हायर सेंकड़ी स्कूल परीक्षा हरसूद से पास की, फिर हरदा डिग्री कॉलेज से बी.कॉम. किया, पश्चात खण्डवा नील कंठेशवर महाविद्यालय से पढ़कर एम.कॉम, एवं बी.एड. की उपाधि बी.एड. कॉलेज खंडवा सागर वि.वि. से प्राप्त की। ग्राम बलड़ी में उर्दू माध्यमिक शाला में प्रधान पाठक रहे, बाद में ग्राम बलड़ी में ही कुछ दिनों बाद सहायक ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी के पद पर कार्य किया। उसके बाद फार्मासिस्ट हो गए। 

पेशे से अँग्रेजी विषय की शिक्षिका और दिल से एक लेखिका, कवयित्री और गायिका। आकांक्षा के व्यक्तित्व के कई आयाम हैं। वे जितना ख़ूबसूरत हिन्दी भाषा में लिखती है, उतना ही बेहतरीन अँग्रेजी में भी लिखती है, उनका जन्म मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के सावलमेंढा गाँव में हुआ। प्राथमिक शिक्षा अपने गाँव के ही सरकारी स्कूल में प्राप्त करने के बाद उन्होने 6वीं से 12वीं तक की अपनी शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय, प्रभात पट्टन, बैतूल से पूरी की। नवोदय विद्यालय ने उनके व्यक्तिव के विकास में अहम योगदान दिया। उनकी साहित्य और कला पर पकड़, भाषा से प्रेम, सब कुछ नवोदय की देन हैं। वे वर्तमान में अपने पेशे के साथ-साथ स्कूल के अलुमुनाई असोशिएशन के एक महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में स्कूल और समाज की तरक्की के लिए कार्य कर रही है। 


जीवन की उलझनों एवं ख़्वाबों को अपनी कलम से एक ख़ूबसूरत कविता का रूप देने में सक्षम, परीक्षित जायसवाल B.tech Agriculture की पढ़ाई प्रथम वर्ष में ही छोड़ कर, अपने दिल की आवाज सुनकर वर्तमान में अंग्रेजी साहित्य से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं।


दिव्य प्रकाश दुबे जी की लेखनी से प्रभावित परीक्षित जी की पूर्व में ‘अल्फ़ाज़’ कविता संग्रह के अतिरिक्त, अन्य विभिन्न कविता संग्रहों में कविताएँ प्रकाशित हो चुकी हैं।


आप श्रद्धा परमार मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर शहर की निवासी है। वर्तमान में आप भोपाल शहर में निवासरत है। प्रारंभिक शिक्षा के साथ ही आपकी लेखन एवं गायन में रूचि को नई राह मिलती गई। अपने विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर के कई कार्यक्रमों में आपने छोटी उम्र से ही मंच संचालन कर अपनी कलम और आवाज़ का जादू दिखाया। स्नातक की शिक्षा आपने शासकीय जे.न.एस. महाविद्यालय से कंप्यूटर विषय में पूरी की एवं इसी क्षेत्र में अपना स्नातकोत्तर भी पूरा किया। 


बिभा आनंद का जन्म मध्यवर्गीय व्यवसायी परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम राजकुमार साह है।इनकी प्राथमिक शिक्षा गाँव से हुई है तथा बारहवीं तक की शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय(बिहार) से हुई है। ये स्नातक गणेशदत्त महाविद्यालय बेगूसराय( बिहार) से कर रही है। इनकी माँ हमेशा इनके लिए प्रेरणा की स्रोत रही हैं। ये हमेशा से ही जरूरमंदो की मदद करते आई है।ये वर्तमान परिस्थितियों पर लिखने में रुचि रखते हैं। इनकी पहली एक पुस्तक "मुकाम- तेरे मेरे ख़्वाबो का" आ चुकी है जो कि एक काव्य सकंलन था। जिनमें इनकी कुछ रचनायें प्रकाशित हुई है। इन्हें रचनाये प्रकाशित करवाने तथा इन क्षेत्रों में सही राह दिखाने में संगीता पाटीदार दी का योगदान रहा है जो खुद कवितायें तथा नोवेल्स लिखती है।

संगीता पाटीदार, भोपाल (म० प्र०) से हैं। इन्होंने अपनी 12वीं तक की शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय सीहोर और होशंगाबाद से प्राप्त की। उसके पश्चात् उन्होंने M.COM, MSW और MBA की उपाधियाँ प्राप्त की। उनके विनम्र मूल ने उन्हें जीवन के अनुभवों के बारे में बहुत कुछ सिखाया, जो उन्होंने कविता के रूप में व्यक्त करना शुरू किया। कविता के लिए यह जुनून "एहसास ... दिल से दिल की बात" और "ढाई आखर... अधूरा होकर भी पूरा", कविता-संग्रह के रूप में प्रकाशित हुआ। वह "42 डेज़... धुँधले ख़्वाब से तुम..भीगी आँख सी मैं" और "अ ज्वेल इन द लोटस... कहानी 42 दिनों की", प्रकाशित हिंदी नॉवेल की सह-लेखिका भी हैं। उन्होंने कई हिंदी पुस्तकों के संपादन कार्य में विशेष योगदान दिया है।


उन्होंने लेखक/लेखिकाओं की लेखन कार्य में सहायता और अपना मुक़ाम हासिल करवाने के लिए, हाल ही में अन्थोलॉजी (हिंदी कविता संग्रह), "कुछ बातें- अनकही सी.. अनसुनी सी", "मुक़ाम- तेरे-मेरे ख़्वाबों का", "लम्हे- कुछ ठहरे हुए से", "क़लम-फ़नकार नवोदय के", "अल्फ़ाज़-शब्दों का पिटारा", "दरमियाँ… तेरे-मेरे", “हौसला- कुछ कर गुज़रने का” 'फाग के राग', 'पन्ने सादे और सतरंगी से' और “छत्तीसगढ़ी भाषा एवं साहित्य में युगीन चेतना का विकास”, संकलित कर उन्हें प्रकाशित करवाने में सहायता की है। जिसमें अलग-अलग रचनाकारों ने सह-रचनाकार के रूप में अपना योगदान दिया है।


Bu e-kitobni baholang

Fikringizni bildiring.

Qayerda o‘qiladi

Smartfonlar va planshetlar
Android va iPad/iPhone uchun mo‘ljallangan Google Play Kitoblar ilovasini o‘rnating. U hisobingiz bilan avtomatik tazrda sinxronlanadi va hatto oflayn rejimda ham kitob o‘qish imkonini beradi.
Noutbuklar va kompyuterlar
Google Play orqali sotib olingan audiokitoblarni brauzer yordamida tinglash mumkin.
Kitob o‘qish uchun mo‘ljallangan qurilmalar
Kitoblarni Kobo e-riderlar kabi e-siyoh qurilmalarida oʻqish uchun faylni yuklab olish va qurilmaga koʻchirish kerak. Fayllarni e-riderlarga koʻchirish haqida batafsil axborotni Yordam markazidan olishingiz mumkin.