सांख्य दर्शन के अनुसार विकास की प्रक्रिया में प्रकृति से उत्पन्न होने वाला प्रथम तत्व 'महत्' या 'बुद्धि' है। चूंकि यह विराट बाह्य जगत् इसमें बीजरूप में निहित है, अतः इससे 'महत्' कहते हैं। महत् से अहंकार उत्पन्न होता है, अहंकार से पञ्यतन्यात्रा और पंचतन्यात्रा से पंचमहाभूत उत्पन्न होता है।