Tilism

· Vani Prakashan
5,0
1 vélemény
E-könyv
588
Oldalak száma
Az értékelések és vélemények nincsenek ellenőrizve További információ

Információk az e-könyvről

तिलिस्म में पुरुषों के मनोविज्ञान की उसकी समग्रता में दर्शाया गया है। कठोर पिता और पीडोफ़ाइल - शिक्षक से तंग आकर घर से भाग निकलने और दोहरा जीवन जीने को अभिशप्त बालक उपेन्द्र को कसाई सलीम भाई की दुकान में मांस काटना मंजूर है, किन्तु घर लौटना नहीं । भंगी कॉलोनी के एक अनाथ और हमउम्र लड़के अली के संग से वह सड़कों पर सुरक्षित रातें गुज़ारने के गुर सीखता है।

 

 संयोग से, सलीम भाई की बीवी उसे गोद ले लेती हैं; जिनसे भरपूर प्रेम मिलने के बावजूद वह आत्मविश्वास की कमी और सेक्स सम्बन्धी कई समस्याओं में उलझकर अवसादग्रस्त हो जाता है, जिससे निजात दिलवाने के लिए उसके अब्बू-अम्मी उसे लन्दन भेजते हैं। लन्दन में उपेन्द्र वहाँ की चकाचौंध, गरीबी, शोषण, समृद्ध परिवारों की विलासिता, अविश्वास, षड्यन्त्र, दोस्ती और दुश्मनी से जूझता है।

 कई परिवेशों और देशों में फैली हुई यह रोचक कथा महाकाव्यात्मक उपन्यास है, जिसमें जटिल सम्बन्धों में छटपटाता उपेन्द्र दो लैवेंडर विवाहों के बावजूद अप्रसन्न है; दूसरी पत्नी की वजह से जेल और प्रेमिका की वजह से ड्रग्स के चक्करों से वचता- बचाता वह अम्मी के पास लौट आता है लेकिन हवाई अड्डे पर उतरते ही उसे अहसास हो जाता है कि दिल्ली उसका अन्तिम पड़ाव नहीं है

 यह उपन्यास अपने समय से आगे की कथा कहता है।

 प्रो. राजेश कुमार

 (वरिष्ठ साहित्यकार)

Értékelések és vélemények

5,0
1 vélemény

A szerzőről

दिव्या माथुर, वातायन- यूके की संस्थापक, रॉयल सोसाइटी ऑफ़ आर्ट्स की फ़ेलो, आशा फ़ाउंडेशन की संस्थापक सदस्य, ब्रिटिश-लाइब्रेरी की 'फ्रेंड', पद्मभूषण मोटुरी सत्यनारायण लेखन सम्मान, वनमाली कथा सम्मान और आर्ट्स काउंसिल ऑफ़ इंग्लैंड के आर्ट्स अचीवर जैसे अनन्य पुरस्कारों से अलंकृत, कई विश्वविद्यालयों द्वारा सम्मानित हैं। आप नेहरू केन्द्र लन्दन में वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी, विश्व हिन्दी सम्मेलन-2000 की सांस्कृतिक उपाध्यक्ष, यूके हिन्दी समिति की उपाध्यक्ष और कथा-यूके की अध्यक्ष रह चुकी हैं। आपका नाम 'इक्कीसवीं सदी की प्रेरणात्मक महिलाएँ, आर्ट्स काउंसिल ऑफ इंग्लैंड की 'वेटिंग रूम', 'एशियंस हूज हू', 'सीक्रेट्स ऑफ़ वर्ड्स इंस्पिरेशनल वीमेन' जैसे कई ग्रन्थों में सम्मिलित है। आप बहु-पुरस्कृत लेखिका, बाल पुस्तकों की अनुवादक और सम्पादक हैं; जिनके आठ कहानी-संग्रह, आठ कविता-संग्रह, एक उपन्यास, शाम भर बातें (दिल्ली विश्वविद्यालय के बीए ऑनर्स पाठ्यक्रम में शामिल), एक बाल उपन्यास बिन्नी बुआ का बिल्ला और छह सम्पादित संग्रह प्रकाशित हैं। साहित्य अकादमी - शिमला, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल, विश्वरंग भोपाल, कोलम्बिया- न्यूयॉर्क, हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा जैसे कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों द्वारा आमन्त्रित की जा चुकी हैं। दूरदर्शन द्वारा आपकी कहानी पर एक टेली फिल्म बनायी गयी है। डॉ. निखिल कीशिक द्वारा निर्मित 'घर से घर तक का सफ़र: दिव्या माथुर को विभिन्न फिल्म फेस्टिवल्स में शामिल किया जा चुका है।

E-könyv értékelése

Mondd el a véleményedet.

Olvasási információk

Okostelefonok és táblagépek
Telepítsd a Google Play Könyvek alkalmazást Android- vagy iPad/iPhone eszközre. Az alkalmazás automatikusan szinkronizálódik a fiókoddal, így bárhol olvashatsz online és offline állapotban is.
Laptopok és számítógépek
A Google Playen vásárolt hangoskönyveidet a számítógép böngészőjében is meghallgathatod.
E-olvasók és más eszközök
E-tinta alapú eszközökön (például Kobo e-könyv-olvasón) való olvasáshoz le kell tölteni egy fájlt, és átvinni azt a készülékre. A Súgó részletes utasításait követve lehet átvinni a fájlokat a támogatott e-könyv-olvasókra.