VIJAY

· MEHTA PUBLISHING HOUSE
ଇବୁକ୍
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ଏହି ଇବୁକ୍ ବିଷୟରେ

विजय हा कादंबरीचा नायक... वैमानिक... परंतु एका विमान अपघातात त्याचं कमरेपासून खालचं शरीर निकामी होणं... या घटनेच्या काही महिन्यांपूर्वीच नीलाशी त्याचा झालेला विवाह... नीलाचं आता काय होणार, या विचाराने त्याने आत्महत्येचा विचार करणं... परंतु त्याच्या आईने त्याला परावृत्त करणं...त्याने आईकडून एक वचन घेणं... अप्पासाहेब हे गिरणीमालक, त्यांची मुलगी निर्मला, विजयचा मावसभाऊ अरविंद, या कादंबरीतील अन्य व्यक्तिरेखा...अरविंदचं अप्पासाहेबांच्या गिरणीत काम करणं...निर्मलेचं मन अरविंदकडे आकृष्ट होणं...अप्पासाहेब अरविंदला मॅनेजर करू पाहत असतानाच त्याने कामगारांचा पक्ष घेऊन, राजीनामा देऊन संपात उतरणं...तुरुंगात जाणं...नंतर त्याचं विजयच्या घरी येणं...त्यावेळी नीलाने आपल्या मनातील गुपित त्याला सांगणं...विजयने त्याच्या आईकडून कोणतं वचन घेतलं होतं? अरविंदने कोणाच्या प्रीतीचा स्वीकार केला? नीलाच्या की निर्मलाच्या? कौटुंबिक, औद्योगिक पार्श्वभूमीवर रंगलेलं भावनाट्य.

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