ये कौन चित्रकार (वर्तमान) है
वर्तमान...
यह आश्चर्य का स्थान है,
यह आपकी खुशी का स्रोत है,
यह आपकी सफलता का मक़ाम है,
यह आपके सुंदर भविष्य की नींव है,
यह आपकी हर समस्या का समाधान है,
यह भूत और भविष्य से पार की अवस्था है,
यह आपकी उच्चतम संभावना का पहला स्थान है।
यह आपको कुदरत द्वारा दिया गया उच्चतम तोहफा है,
यदि आप सोच रहे हैं कि ‘उपरोक्त बातों को मैं कैसे जानूँ... वर्तमान की इतनी गहराई कैसे हो सकती है?’ तो इस पुस्तक में आपके हर सवाल का जवाब है।
वर्तमान का अर्थ जितना हम समझते हैं, उससे कहीं अधिक गहरा है। यह पुस्तक आपको उस गहराई से परिचित करवाती है। इस क्षण आपने इस पुस्तक को अपने जीवन में आकर्षित किया है तो इसका पूरा लाभ ज़रूर लें।
सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।
उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।
सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’
सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।