वेदना, मेरा पहली पुस्तक है, जिसमें मैने हृदय के अनकहे भावों को कहने का एक छोटा सा प्रयास किया है। हृदय के वो भाव, जो हृदय के उस पार कहीं अन्तर्मन में गढ़े जातें हैं और इन्हीं से धीरे धीरे पैदा होते हैं वेदना के स्वर, अनछुए, अनकहे...
मुझे पूरा विश्वास है , मेरे इन्हीं अनकहे स्वरों में कहीं ना कहीं आपको अपने स्वर भी मिलेंगे, और यदि ऐसा संभव हुआ तो मेरा ये प्रयास सच में सफल हो जायेगा।