इस पुस्तक को भारत का संविधान सरल और सुलभ तरीके से समझाने की दृष्टि से डिजाइन किया गया है। जटिल अवधारणाओं को आसान भाषा में समझाया गया है तथा सीखनेसमझने को मजेदार व आकर्षक बनाने के लिए उदाहरणों और चित्रों का भरपूर उपयोग किया गया है।
पुस्तक 'संविधान की अवधारणा और यह महत्त्वपूर्ण क्यों है,' इसका परिचय देकर शुरू होती है। यह बताती है कि संविधान देश के लिए एक नियमपुस्तिका की तरह है, जो नागरिकों के अधिकारों एवं कर्तव्यों को बताती है और यह निर्धारित करती है कि सरकार को कैसे कार्य करना चाहिए।
कुल मिलाकर 'विद्यार्थियों हेतु भारत का संविधान' विद्यार्थियों के लिए सरल और मनोरंजक तरीके से भारत के संविधान को जानने के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण, पठनीय व मननीय पुस्तक है।
किशोर मकवाणा
सामाजिक जीवन के अभ्यासी। समसामयिक सामाजिक समस्याओं का चिंतन एवं मंथन करके प्रभावी व समुचित समाधान के लिए सदैव तत्पर सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ कर्मठ पत्रकार एवं लेखक हैं।
संप्रति : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष। प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय समिति के सदस्य।
सम्मानपुरस्कार : तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करकमलों द्वारा सामाजिक समरसता और भारतीय राष्ट्रवादी पत्रकारिता के लिए 'नचिकेता पुरस्कार'; नेपालइंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फ्रेंस द्वारा 'तथागत पुरस्कार'; प्रताप नारायण मिश्र युवा साहित्यकार पुरस्कार; गुजरात सरकार द्वारा 'गुजरात गौरव पुरस्कार' से सम्मानित ।
प्रकाशन : डॉ. बाबासाहब आंबेडकर पर उनकी हिंदी गुजराती भाषा में 10 पुस्तकें प्रकाशित। 'युग पुरुष स्वामी विवेकानंद', 'समर नहीं, समरसता', 'क्रांतिवीर बिरसा मुंडा' और 'कॉमन मैन नरेंद्र मोदी' (हिंदी, अंग्रेजी, ओडिया, मराठी में प्रकाशित); इस पर आधारित वेबसीरीज भी प्रसारित। 45 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित ।
यात्रा : प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी की ऐतिहासिक पाकिस्तानलाहौर बस यात्रा के दौरान पत्रकार के रूप में तथा भूटान, मॉरीशस, इंग्लैंड, नेपाल की यात्राएँ।