ग्रंथ मा पोवारी बोली की कविताओं व गद्य लेखन ला ग्रामीण लहजा लक उबारकर आधुनिक हिन्दी को लहजा मा प्रस्तुत करन को सफल प्रयास करेव गयी से. येव ग्रंथ पोवारी बोली ला भाषा को रुप मा स्थापित करन को प्रयासों साती पथ-प्रदर्शक साबित होये.
लेखक प्राचार्य ओ सी पटले- इतिहासकार, विचारक,कवि ,चिंतक व सनातनी विचारों का प्रचारक सेत. पोवारी भाषा, संस्कृति व समाज का अभ्यासक सेत. पोवारी, हिन्दी सहित मराठी भाषा मा भी लेखन कार्य करीसेन व कार्यरत सेत.