21 वीं सदी का रामराज्य -
‘ओजस्वी अध्यात्म’
21 वीं सदी में रामराज्य की शुरुआत ‘ओजस्वी अध्यात्म’ से हो रही है जो सत्य, प्रेम, करुणा के त्रिकोण पर स्थापित हो रहा है ! सारे वर्णाश्रम के भेदों से ऊपर उठना है ! सारी विषमताओं का अंत करना है ! सारे वैर निवृत्त कर देना है ! पूरे विश्व में ‘ओजस्वी अध्यात्म’ को फैलाना है ! धर्म-धर्म के बीच की दीवारों से बाहर आने का समय परिपक्व हो गया है ! वंचितों, शोषितों, उपेक्षितों के उद्धार का, प्रत्येक मानव को संकीर्णता से उपर उठाने का मार्ग है ‘ओजस्वी अध्यात्म’ !
ओजस्वी अध्यात्म की वैदिक जीवनशैली को आस्तिक-नास्तिक, धार्मिक-अधार्मिक सभी अपना सकते हैं । विश्व के हर देश में किसी भी भाषा, कोई भी धर्म, किसी भी जाती के हर प्रकार के व्यक्ति ‘ओजस्वी अध्यात्म’ की वेदान्तिक जीवनशैली को आत्मसात् करके अपने जीवन को स्वस्थ, सुखी और सम्मानित बना सकते हैं । आइये, विश्व को आनंदमय बनाएँ । जीवन को सफल बनाएँ । स्वयं बदलें, दुनिया को बदलने के लिए । आज से अच्छा कल बनाएँ, वर्तमान से अच्छा भविष्य बनाएँ ।
"Ojaswi Adhyatma"
The new way of 21ST century...
Next step of being Religious...
Better life by accepting
Spiritualism...
इस पुस्तक के लेखक 'narayan sai ' एक सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्तर के लेखक है | उसीके साथ वे एक आध्यात्मिक गुरु भी है | उनके द्वारा समाज उपयोगी अनेको किताबें लिखी गयी है | वे लेखन के साथ साथ मानव सेवा में सदैव संलग्न रहते है | समाज का मंगल कैसे हो इसी दृढ़ भावना के साथ वे लेखन करते है |