उनकी कहानियों में किसानों, मजदूरों, महिलाओं और दलितों की दुर्दशा का सजीव वर्णन होता है। उन्होंने अपनी लेखनी से समाज के उन वर्गों की आवाज़ को बुलंद किया, जो शोषित और वंचित थे। प्रेमचंद की कहानियां जैसे गोदान, पंच परमेश्वर, ईदगाह, और कफन मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक यथार्थ का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
प्रेमचंद ने समाज में नैतिकता, ईमानदारी, और करुणा के मूल्यों को बढ़ावा दिया। उनकी कहानियां सरल भाषा में गहरी विचारधारा लिए होती हैं, जो आम आदमी के जीवन को छूती हैं। उनका लेखन न केवल साहित्यिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक सुधार और चेतना जगाने का भी एक महत्वपूर्ण साधन है।