Madhu Khandelwal
ओ ओ आभार !!! अतीव आनंद अनुभव कर रही हूँ ,इन अद्यतन अद्भुत पलों का , अनवरत आभार !!मुझे गृहलक्ष्मी बनाया । ★ ======== तुम मेरी सखी हो तब से,जब ये तकनीकी नहीं थी, मैं छात्रा से अध्यापिका /युवती से नवविवाहिता/ विवाहिता से बहू ,भाभी, चाची, मामी और फिर माँ बनी।अब तो खैर सास, समधिन और गर्वित दादी भी हूँ ।तुमने हर जरूरत पर मेरा साथ दिया,घर, रसोई से शयनकक्ष,बागवानी, फैशन, बच्चे,उनकी परवरिश,स्कूल,,,,,,और भी बहुत से मोर्चे, मुझे और मेरे व्यक्तित्व को विकसित कर वर्षों पहले ही " गृह लक्ष्मी" बना दिया।शुक्रिया मेरी पढ़ने की आदत का भी ।