हितोपदेश की कहानियाँ भारतीय परिवेश को ध्यान में रखकर लिखी गई उपदेशात्मक कथाएँ हैं; जिसके रचनाकार नारायण पंडित हैं। हितोपदेश की कथाएँ अत्यंत सरल; रोचक; प्रेरक और सुग्राह्य हैं। विभिन्न पशु-पक्षियों पर आधारित तार्किक कहानियाँ इसकी खास विशेषता है; जिनकी समाप्ति किसी शिक्षाप्रद बात से होती है।
इस पुस्तक में हितोपदेश की मूल लोकप्रिय कहानियों को स्थान दिया गया है। कहानियों को रोचक और पठनीय बनाने के लिए इनके मूल शीर्षक; क्रम; कथानक और विस्तार को यथोचित संपादित कर दिया गया है; लेकिन कथा की मूल भावना को जीवंत रखा गया है; जिससे पाठक पारंपरिक आस्वादन पाने से वंचित न हों।
अपनी रचना के कई सौ साल बाद भी इन कथाओं की लोकप्रियता में जरा भी कमी नहीं आई है तो केवल इनमें निहित संदेश के कारण। इनका कथानक पाठकों को अपने आस-पास घटित हुआ जान पड़ता है। यही कारण है कि वे सहज ही इनसे अपने आप को जोड़ लेते हैं। यही इन कथाओं की सबसे बड़ी खूबी है; जिसके कारण ये सदाबहार बनी हुई हैं।
मनोरंजन तथा नैतिक ज्ञान से भरपूर कहानियों की पठनीय पुस्तक।
THE AUTHORHitopadesh ki Lokpriya Kahaniyan by Mahesh Dutt Sharma: "Hitopadesh ki Lokpriya Kahaniyan" authored by Mahesh Dutt Sharma is a collection of popular stories from the ancient Indian fable collection, Hitopadesha. The book presents these timeless tales in a reader-friendly format.
Key Aspects of the Book "Hitopadesh ki Lokpriya Kahaniyan":
Ancient Wisdom: The book shares moral and wisdom-filled stories from the Indian fable tradition.
Educational Value: It offers readers valuable life lessons through engaging narratives.
Cultural Heritage: "Hitopadesh ki Lokpriya Kahaniyan" showcases the cultural richness of Indian storytelling.
In "Hitopadesh ki Lokpriya Kahaniyan," Mahesh Dutt Sharma introduces readers to the timeless tales of wisdom and morality found in the Hitopadesha collection.