साईं सबके भीतर विराजमान हैं। साईं का अपने भक्तों से ऐसा अटूट नाता है; जो जन्म-जन्मांतर तक बना रहता है। वे माता; पिता; सखा; गुरु व अभिभावक के रूप में हर क्षण अपने भक्तों के साथ हैं। साईं की लीला न्यारी है। यदि उन्हें अपने हृदय में विराजमान करना हो तो अपने अंत:करण को लोभ; मोह; माया; क्रोध आदि विकारों से मुक्त करना होगा। हृदयरूपी बगिया में प्रेमरूपी पुष्प खिलाने होंगे। साईं की प्रतिमा को शुद्ध व पवित्र अंत:करण में प्रतिष्ठित करने के पश्चात् ही उनके अलौकिक रूप व छटा का पान किया जा सकता है। सर्वभूतों में व्याप्त साईं सकल जगत् से नाता रखते हैं। तभी तो सभी धर्मों के अनुयायी उन्हें पूरी श्रद्धा व आस्था के साथ पूजते हैं; फिर भले ही वे हिंदू हों या मुसलमान। साईं ने सदैव सत्य का प्रतिपादन किया और धार्मिक आडंबरों व कट्टर रूढ़ियों में उलझे समाज को एक नई दिशा दी।
प्रस्तुत पुस्तक में साईं बाबा के जीवन-दर्शन व संदेशों को सरल व बोधगम्य भाषा-शैली में प्रस्तुत करने का विनम्र प्रयास किया गया है। बाबा के उपदेश आज भी जनमानस को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं—दिन-प्रतिदन साईं धाम शिरडी में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या इस तथ्य की साक्षी है।
साईं की शिक्षाओं; चमत्कृत करनेवाली कथाओं एवं प्रेरणादायी उपदेशों के द्वारा जीवन पथ आलोकित करनेवाली आस्थापूर्ण पुस्तक।Shirdi Ke Sai Baba by Shardha Saburi: "Shirdi Ke Sai Baba" is a book authored by Shardha Saburi. This book likely revolves around the life and teachings of Sai Baba of Shirdi, a revered spiritual figure in India known for his miracles and compassionate teachings.
Key Aspects of the Book "Shirdi Ke Sai Baba":
Sai Baba's Life: Shardha Saburi's book may offer a comprehensive account of Sai Baba's life, from his early years to his spiritual journey in Shirdi.
Spiritual Teachings: The book likely delves into Sai Baba's spiritual teachings, emphasizing love, tolerance, and devotion.
Devotee Stories: "Shirdi Ke Sai Baba" may include anecdotes and stories of devotees who experienced Sai Baba's blessings and grace.
The author, Shardha Saburi, may have a deep spiritual connection with Sai Baba and seeks to share his life and teachings with a broader audience.