चाँद मुट्ठी में कर ले’इस संग्रह में प्रकृ ति चित्रण, प्रेम के संयोग-वियोग पक्ष, आशावादी जीवन, नारी जीवन की अस्मिता, सामाजिक विद्रूपताओं पर प्रहार, समसामयिक चुनौतियाँ पर व्यंग्य, ऐतिहासिक व पौराणिक चरित्रों का उद्घाटन, मानवीय मूल्यों की महती आवश्यकता, राष्ट्र के प्रति समर्पण, पर्यावरण संरक्षण आदि कई विभिन्न विषयों पर विविध आयाम परिलक्षित हैं ।सुशील तिवारी जी, सत्येन्द्र सिंह जी, अरविन्द पाराशर जी, सुरेश अग्रवाल जी, रेनू शर्मा जी, गुंजन अग्रवाल जी, आशारानी जैन जी, अल्का चंद्रा जी, सुनन्दा जी, महेश यादव जी, अंकुर शुक्ल जी, रंगनाथ शुक्ल जी, प्रहलाद सोनी जी, विनोद गंगावासी जी, नील सिंह जी, सतीश द्विवेदी जी, मनोज मनमौजी जी सहित 18 रचनाकारों ने अपनी रचनाओं का योगदान दिया है ।