Coolie Lines

· Vani Prakashan
5,0
Водгукаў: 5
Электронная кніга
280
Старонкі
Ацэнкі і водгукі не спраўджаны  Даведацца больш

Пра гэту электронную кнігу

कुली लाइन्स हिन्द महासागर के रियूनियन द्वीप की ओर 1826 ई. में मज़दूरों से भरा जहाज़ बढ़ रहा था। यह शुरुआत थी भारत की। जड़ों से लाखों भारतीयों को अलग करने की। क्या एक विशाल साम्राज्य के लालच और हिन्दुस्तानी बिदेसियों के संघर्ष की यह गाथा भुला दी जायेगी? एक सामन्तवादी भारत से अनजान द्वीपों पर गये ये अँगूठा-छाप लोग आख़िर किस तरह जी पायेंगे? उनकी पीढ़ियों से। हिन्दुस्तानियत ख़त्म तो नहीं हो जायेगी? लेखक पुराने आर्काइवों, भिन्न भाषाओं में लिखे रिपोर्ताज़ों और गिरमिट वंशजों से यह तफ़्तीश करने निकलते हैं। उन्हें षड्यन्त्र और यातनाओं के मध्य खड़ा होता एक ऐसा भारत नज़र आने लगता है, जिसमें मुख्य भूमि की वर्तमान समस्याओं के कई सूत्र हैं। मॉरीशस से कनाडा तक की फ़ाइलों में ऐसे कई राज़ दबे हैं, जो ब्रिटिश सरकार पर ग़ैर-अदालती सवाल उठाते हैं। और इस ज़िम्मेदारी का अहसास भी कि दक्षिण अमरीका के एक गाँव में भी वही भोजन पकता है, जो बस्ती के एक गाँव में। ‘ग्रेट इंडियन डायस्पोरा' आख़िर एक परिवार है, यह स्मरण रहे। इस किताब की यही कोशिश है।

Ацэнкі і агляды

5,0
5 водгукаў

Звесткі пра аўтара

प्रवीण कुमार झा कथेतर रुचि के लेखक हैं। उनके बहुमुखी लेख भारतीय अखवारों- पत्रिकाओं-हिन्दुस्तान प्रभात ख़बर, द कैपिटल पोस्ट, प्रजातन्त्र, 'सदानीरा और मुख्य मीडिया पोर्टलों पर प्रकाशित होते रहे हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने एक सामाजिक व्यंग्य-संग्रह ‘चमनलाल की डायरी', और दो यात्रा संस्मरण-आइसलैण्ड और नीदरलैण्ड पर भी लिखे। प्रवीण का जन्म बिहार में हुआ, और वह भारत के भिन्न-भिन्न शहरों से गुज़रते अमरीका और यूरोप महादेश में रहे। वह निवर्तमान नॉर्वे (यूरोप) में विशेषज्ञ चिकित्सक हैं।

Ацаніце гэту электронную кнігу

Падзяліцеся сваімі меркаваннямі.

Чытанне інфармацыb

Смартфоны і планшэты
Усталюйце праграму "Кнігі Google Play" для Android і iPad/iPhone. Яна аўтаматычна сінхранізуецца з вашым уліковым запісам і дазваляе чытаць у інтэрнэце або па-за сеткай, дзе б вы ні былі.
Ноўтбукі і камп’ютары
У вэб-браўзеры камп’ютара можна слухаць аўдыякнігі, купленыя ў Google Play.
Электронныя кнiгi i iншыя прылады
Каб чытаць на такіх прыладах для электронных кніг, як, напрыклад, Kobo, трэба спампаваць файл і перанесці яго на сваю прыладу. Выканайце падрабязныя інструкцыі, прыведзеныя ў Даведачным цэнтры, каб перанесці файлы на прылады, якія падтрымліваюцца.