Guru Dutt: Ek Adhuri Dastaan

· Manjul Publishing
4,2
5 apžvalgos
El. knyga
271
Puslapiai
Įvertinimai ir apžvalgos nepatvirtinti. Sužinokite daugiau

Apie šią el. knygą

गुरु दत्त की फ़िल्मों में कुछ ऐसे नाम शामिल हैं जिन्हें लंबे समय से भारत में अब तक बनी सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में शुमार किया जाता है। उनकी अमर फ़िल्म प्यासा (1957) को 2005 की टाइम मैग़्जीन की सर्वकालीन 100 महान फ़िल्मों में शामिल किया गया था। उनकी फ़िल्में अब भी दुनिया भर के दर्शक, समीक्षक और सिनेमा के छात्र देखते और सराहते हैं, और न केवल उनकी तकनीकी गुणवत्ता की बल्कि शाश्वत रोमांसवाद और जीवन के खालीपन तथा भौतिक सफलता के उथलेपन की भी तारीफ़ करते हैं। वे भारतीय सिनेमा के लिए डॉन हुआन और नीत्शे का संगहालांकि उनके और उनकी कला के बारे में काफ़ी कुछ कहा और लिखा गया है लेकिन पर्दे के पीछे की उनकी ज़िंदगी के बारे में काफ़ी कम ज्ञात है। इस विस्तृत विवरण में अकेले, सीबतज़दा व्यक्ति की जीवन यात्रा के बारे में बताया गया है जिसे जीवन भर विपरीत हालातों का सामना करना पड़ा। बाल-प्रतिभा गुरु दत्त ने अपनी शुरुआत महान उदय शंकर से नृत्य सीखकर की थी और बाद में गैर-परंपरागत फ़िल्मकार के रूप में उन्होंने कलात्मक संतुष्टि से समझौता किए बिना, अपेक्षित व्यावसायिक सफलता हासिल की। वे एक स्व-निर्मित उद्यमी थे जिन्हें अंकों का खेल पसंद नहीं था लेकिन तब भी उन्होंने अपने दम पर फ़िल्म-स्टूडियो चलाया तथा निर्माता, निर्देशक, अभिनेता और फ़ाइनेंसर तक की सभी भूमिकाएं निभाईं। इस सबके साथ ही वे व्यक्तिगत जीवन में खामोशी से जूझते रहे जिसके केंद्र में गीता दत्त के साथ उनका उथल-पुथल भरा वैवाहिक जगुरु के पास प्यार, परिवार, पैसा, प्रसिद्धि और दर्शकों की मान्यता, सब कुछ था। कई असफल प्रयासों के बाद आत्महत्या से हुई उनकी असामयिक मौत ने पूरे फ़िल्म जगत को झकझोर कर रख दिया था। आखिर उस रात को हुआ क्या था, जब उन्होंने जीवन से हार मानते हुए उसे अंतिम अलविदा कह दिया था?बेस्टसेलिंग बॉलीवुड जीवनी लेखक यासिर उस्मान ने एक विलक्षण सितारे की इस प्रामाणिक जीवनी में गुरु दत्त से जुड़ी बातों की खोज की है, और रईसों तथा प्रसिद्ध लोगों के असाधारण जीवन की परतें खोली हैं, और साथ ही इंसान की भावनात्मक और मानसिक सेहत का अविश्वसनीय ब्योरा दिया है। देव आनंद, वहीदा रहमान, जॉनी वॉकर, एस.डी. बर्मन जैसे करीबी दोस्तों और सहयोगियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से गुरु की बहन तथा प्रसिद्ध चित्रकार ललिता लाजमी के हवाले से उनके छोटे लेकिन दयालु, महत्वाकांक्षी और अंततः दुखद जीवन को इस पुस्तक में दर्शाया गया है।

यह एक अधूरी ज़िंदगी की दिलचस्प, सावधानीपूर्वक शोध की हुई और मार्मिक तसवीर है जिसमें एकतरफ़ा प्यार, अनसुलझे रिश्तों और बेजोड़ सिनेमाई प्रतिभा की भूमिका रही है।

ीवन था।

म थे।


Įvertinimai ir apžvalgos

4,2
5 apžvalgos

Apie autorių

यासिर उस्मान एक टेलीविजन पत्रकार और भारत के सबसे पसंदीदा फ़िल्म जीवनी-लेखक हैं। उन्हें पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें लगातार तीन वर्ष एनटी (न्यू़ज टेलीविजन) पुरस्कार भी मिले हैं। वे राजेश खन्ना : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ इंडिया़ज फ़र्स्ट सुपरस्टार, रेखा : द अनटोल्ड स्टोरी और संजय दत्त : द क्रे़जी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ बॉलीवुड्स बैड बॉय जैसी बेस्टसेलर पुस्तकों के लेखक हैं। यह उनकी चौथी पुस्तक है।

Įvertinti šią el. knygą

Pasidalykite savo nuomone.

Skaitymo informacija

Išmanieji telefonai ir planšetiniai kompiuteriai
Įdiekite „Google Play“ knygų programą, skirtą „Android“ ir „iPad“ / „iPhone“. Ji automatiškai susinchronizuojama su paskyra ir jūs galite skaityti tiek prisijungę, tiek neprisijungę, kad ir kur būtumėte.
Nešiojamieji ir staliniai kompiuteriai
Galite klausyti garsinių knygų, įsigytų sistemoje „Google Play“ naudojant kompiuterio žiniatinklio naršyklę.
El. knygų skaitytuvai ir kiti įrenginiai
Jei norite skaityti el. skaitytuvuose, pvz., „Kobo eReader“, turite atsisiųsti failą ir perkelti jį į įrenginį. Kad perkeltumėte failus į palaikomus el. skaitytuvus, vadovaukitės išsamiomis pagalbos centro instrukcijomis.