आर्थिक उदारीकरण के युग के प्रारंभ होने के साथ-साथ भारत में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में उद्यमिता के क्षेत्र में बहुत विस्तार हुआ है। सभी विकसित व विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था में उद्यमिता, विशेष रूप से एम.एस.एम.ई. सेक्टर अहम योगदान कर रहा है। भारत में एम.एस.एम.ई. सेक्टर का योगदान आयात में 40 प्रतिशत, विनिर्माण में 45 प्रतिशत व सकल घरेलू उत्पाद में 8 प्रतिशत रहा है। देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए उद्यमिता के क्षेत्र में एम.एस.एम.ई. सेक्टर की उपलब्धियों को आम आदमी तक पहुँचाने की दृष्टि से इस पुस्तक का लेखन किया गया है। यह पुस्तक उन युवाओं के लिए, जो अपना उद्यम प्रारंभ करना चाहते हैं, मार्गदर्शक साबित होगी। इस पुस्तक के द्वारा नवउद्यमी उद्यमिता के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विशेष योजनाओं व सरकार द्वारा दी जानेवाली विशेष सुविधाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे तथा उद्यम स्थापित करने में आनेवाली विभिन्न समस्याओं का निदान पा सकेंगे। अपना उद्यम स्थापित करने के इच्छुक पाठकों के लिए एक पठनीय कृति।