त्राटक शब्द का उत्पत्ति ‘त्रा’ से हुआ है, जिसका अर्थ है मुक्त करना। इसके साथ ही टक, यानी किसी वस्तु या दीपक को टकटकी लगाकर देखना। मुक्त करने का अर्थ है आँखों के भीतर गंदे पानी को बाहर निकालना और मन के गंदे विचारों को बाहर निकालकर एकाग्रचित होना।त्राटक ध्यान त्राटक योगाभ्यास का एक उच्चतर स्तर है। यहाँ पर भी आप बेशक किसी निश्चित बिंदु पर अपने ध्यान को केंद्रित करते हैं। दुनिया की चीजों को अपने तन, मन से निकालकर आप सिर्फ एवं सिर्फ उस खास बिंदु को फोकस करते हैं। आप अपने शरीर की मांसपेशियों तथा नसों को आराम कराते हुए उस खास बिंदु पर अपने ध्यान को जमाने की कोशिश करते है और धीरे-धीरे इस प्रक्रिया की गहराई पर जाने की कोशिश करते हैं। त्राटक ध्यान से आप सिर्फ अपने आँखों को ही ठीक नहीं करते, बल्कि पूरे शरीर को बीमारियों से दूर रखते हैं।
TRATAK DHYAN YOG by MAHESH SHARMA: This book provides insights into tratak meditation, a form of yogic practice that helps improve concentration and focus. With its focus on spiritual and personal growth, "TRATAK DHYAN YOG" is a must-read for anyone interested in yoga and meditation.
Key Aspects of the Book "TRATAK DHYAN YOG":
Yoga and Meditation: The book highlights the benefits of yoga and meditation, offering valuable insights into various yogic practices and their impact on health and well-being.
Tratak Meditation: The book focuses on the practice of tratak meditation as a way to improve concentration and focus, providing tips and strategies for practitioners.
Spiritual Growth: The book emphasizes the importance of spiritual growth and self-realization in achieving inner peace and harmony.
MAHESH SHARMA is a yoga practitioner and writer who has written extensively on yoga and meditation. "TRATAK DHYAN YOG" is one of his most popular works.