अदम्य साहस के प्रतीक, युवा क्रांतिकारियों के प्रेरणास्रोत और महान स्वतंत्रता सेनानी भागवत राय जी का जन्म बलिया, उत्तरप्रदेश में हुआ था। भागवत राय जी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होनें अपनी युवावस्था में ही अनेक कीर्तिमान स्थापित कर अपनी अद्भुत, चमत्कारिक शक्तियों का परिचय दिया। इस पुस्तक में उनकी इन्हीं विलक्षण प्रतिभा से पाठक को अवगत कराया गया है। जब देश गुलाम था और देश में अनेकों कार्यों पर भारतीयों के लिए रोक लगी हुई थी, तब भागवत राय जी ने गुलाम देश में सर्कस कम्पनी खोलकर अंग्रेज़ों से लोहा लिया। इस उद्धरण का ज़िक्र डॉ. एस. मजूमदार की पुस्तक ‘स्ट्राँग मैन ओवर द ईयर’ के एक चैप्टर में विस्तार पूर्वक किया है। पंडित द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी की इन पंक्तियों “उठो धरा के अमर सपूतों, पुनः नया निर्माण करो” से प्रेरित होकर उनकी 121वीं जयंती पर अपनी श्रद्धांजलि के रूप में दुनिया के सामने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को नये रूप और नये कलेवर में समाज के सामने प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ।