Nicolaus Copernicus: Nicolaus Copernicus: Pioneering the Heliocentric Revolution by Vinod Kumar Mishra

· Prabhat Prakashan
Ebook
7
Pages
Les notes et les avis ne sont pas vérifiés  En savoir plus

À propos de cet ebook

19 फरवरी, 1473 को पोलैंड में जनमे निकोलस कोपरनिकस यूरोपिय खगोलशास्‍‍त्री व गणितज्ञ थे। उन्होंने यह क्रांतिकारी सूत्र दिया था कि पृथ्वी अंतरिक्ष के केंद्र में नहीं है। 1530 में कोपरनिकस की पुस्तक ‘डी रिवोलूशन्स’ प्रकाशित हुई, जिसमें बताया गया है कि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती हुई एक दिन में चक्कर पूरा करती है और एक साल में सूर्य का चक्कर पूरा करती है। कोपरनिकस ने तारों की स्थिति ज्ञात करने के लिए प्रूटेनिक टेबिल्स की रचना की, जो अन्य खगोलविदों के बीच काफी लोकप्रिय हुई।
खगोलशास्‍‍त्री होने के साथ-साथ कोपरनिकस गणितज्ञ, चिकित्सक, अनुवादक, कलाकार, न्यायाधीश, गवर्नर, सैन्य नेता और अर्थशास्‍‍त्री भी थे। उन्होंने मुद्रा पर शोध कर ग्रेशम के प्रसिद्ध नियम को स्थापित किया, जिसके अनुसार खराब मुद्रा अच्छी मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है। कोपरनिकस के अंतरिक्ष के बारे में सात नियम बड़े प्रसिद्ध हैं।
वह घंटों नंगी आँखों से अंतरिक्ष को निहारते रहते थे और गणितीय गणनाओं द्वारा सही निष्कर्ष प्राप्‍त करने की कोशिश करते रहते थे। 24 मई, 1543 को इस महान् खगोलविज्ञानी का निधन हो गया।

Uncover the groundbreaking achievements of Nicolaus Copernicus, the revolutionary astronomer who challenged the prevailing geocentric model and introduced the heliocentric theory. This engaging biography explores Copernicus' scientific discoveries and his profound impact on our understanding of the universe.

Nicolaus Copernicus by Vinod Kumar Mishra Nicolaus Copernicus, biography, Vinod Kumar Mishra, heliocentric revolution, scientific pioneer, astronomy, Copernican model, celestial mechanics, astronomical observations, planetary motion, scientific breakthrough, scientific revolution, Renaissance era, astronomical theories, cosmic perspective, heliocentrism
Nicolaus Copernicus, biography, Vinod Kumar Mishra, heliocentric revolution, scientific pioneer, astronomy, Copernican model, celestial mechanics, astronomical observations, planetary motion, scientific breakthrough, scientific revolution, Renaissance era, astronomical theories, cosmic perspective, heliocentrism

Quelques mots sur l'auteur

12 जनवरी, 1960 को जनमे विनोद कुमार मिश्र मात्र तीन वर्ष की आयु में पोलियोग्रस्त हो गए थे। 80 प्रतिशत विकलांगता के बावजूद वह आज कर्मठता के शिखर पर एक उदाहरण बन गए हैं। सन् 1983 में उन्होंने रुड़की विश्‍वविद्यालय (आईआईटी) से इलेक्ट्रॉनिक्स व दूरसंचार में डिग्री प्राप्‍त की और फिर एम.बी.ए. किया। अब तक उनकी 50 पुस्तकें व 300 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। ‘विकलांगता ः समस्याएँ व समाधान’, ‘विकलांग विभूतियों की जीवन-गाथाएँ’, ‘कमजोर तन, मजबूत मन’, ‘विकलांगों के लिए रोजगार’, ‘Eminent Disabled People of the World’, ‘Career Opportunities for the Disabled’, ‘विकलांगों के अधिकार’, ‘इक्कीसवीं सदी में विकलांगता’, ‘विकलांग स्वस्थ और आत्मनिर्भर कैसे बनें’, ‘थॉमस अल्वा एडिसन’, ‘अल्बर्ट आइंस्टाइन’, ‘सौर ऊर्जा’, ‘चार्ल्स डार्विन’, ‘लियोनार्दो द विंची’, ‘सचित्र विज्ञान विश्‍वकोश’ (3 खंडों में) तथा ‘अल्फ्रेड नोबल’ आदि इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं। इन्होंने ‘भारत में विज्ञान और भारतीय वैज्ञानिक’, ‘साधारण आविष्कारों की असाधारण सफलताएँ’, ‘वैज्ञानिक भारत का निमर्ाण’ एवं ‘अक्षय ऊर्जा स्रोत’ जैसी विज्ञान संबंधी महत्त्वपूर्ण कृतियाँ भी दी हैं। उन्हें ‘राष्‍ट्रपति पदक’, हिंदी अकादमी द्वारा ‘साहित्यिक कृति सम्मान’, योजना आयोग द्वारा ‘कौटिल्य पुरस्कार’ तथा ‘प्राकृतिक ऊर्जा पुरस्कार’ जैसे अनेक सम्मान प्राप्‍त हो चुके हैं। संप्रति ः भारत सरकार के एक उद्यम में मुख्य प्रबंधक।

Nicolaus Copernicus by Vinod Kumar Mishra Nicolaus Copernicus, biography, Vinod Kumar Mishra, heliocentric revolution, scientific pioneer, astronomy, Copernican model, celestial mechanics, astronomical observations, planetary motion, scientific breakthrough, scientific revolution, Renaissance era, astronomical theories, cosmic perspective, heliocentrism

Attribuez une note à ce ebook

Faites-nous part de votre avis.

Informations sur la lecture

Téléphones intelligents et tablettes
Installez l'appli Google Play Livres pour Android et iPad ou iPhone. Elle se synchronise automatiquement avec votre compte et vous permet de lire des livres en ligne ou hors connexion, où que vous soyez.
Ordinateurs portables et de bureau
Vous pouvez écouter les livres audio achetés sur Google Play en utilisant le navigateur Web de votre ordinateur.
Liseuses et autres appareils
Pour pouvoir lire des ouvrages sur des appareils utilisant la technologie e-Ink, comme les liseuses électroniques Kobo, vous devez télécharger un fichier et le transférer sur l'appareil en question. Suivez les instructions détaillées du centre d'aide pour transférer les fichiers sur les liseuses électroniques compatibles.