PHULE ANI DAGAD

· MEHTA PUBLISHING HOUSE
5,0
3 отзыва
Электронная книга
116
Количество страниц
Оценки и отзывы не проверены. Подробнее…

Об электронной книге

1941 साली लिहिलेला, आजही वाचला जाणारा कथासंग्रह 

आपलं आयुष्य म्हणजे सांकेतिक लिपीत लिहिलेलं एक पुस्तक-असंच प्रत्येकजण मानीत असतो. एकाच्या अनुभवाचा दुसर्याला थांगही लागत नाही. आपण वर्षानुवर्ष एके ठिकाणी बसणारी - उठणारी माणसं, पण आपले बरे-वाईट अनुभव एकमेकांना मोकळेपणानं आपण कधी सांगतो का? आपल्याच मनात झुरायचं, आपल्याच मनात गुदमरायचं, आपणच चाचपडत चाचपडत आयुष्याच्या मार्गावरून जायचं!..... आपण खर्याखुर्या अनुभवांची देवाणघेवाण करीतच नाही मुळी ! त्यामुळं मानवजातीची कितीही सुधारणा झाली असली, तरी प्रत्येक व्यक्ती अजून रानटी काळात असल्यासारखी आयुष्याला सुरुवात करते. पुढच्यांच्या ठेचांचा मागच्यांना उपयोग होतो खरा; पण तो केव्हा? ठेचा कुठे लागतात, हे पुढले लोक सांगतील, तेव्हा. ठेचा लपवून, जणू काही झालंच नाही, म्हणून लोक चालू लागतात आणि समाज...

Оценки и отзывы

5,0
3 отзыва

Об авторе

 

Оцените электронную книгу

Поделитесь с нами своим мнением.

Где читать книги

Смартфоны и планшеты
Установите приложение Google Play Книги для Android или iPad/iPhone. Оно синхронизируется с вашим аккаунтом автоматически, и вы сможете читать любимые книги онлайн и офлайн где угодно.
Ноутбуки и настольные компьютеры
Слушайте аудиокниги из Google Play в веб-браузере на компьютере.
Устройства для чтения книг
Чтобы открыть книгу на таком устройстве для чтения, как Kobo, скачайте файл и добавьте его на устройство. Подробные инструкции можно найти в Справочном центре.