हिंदी के जाने-माने कवि-कथाकार प्रकाश मनु ने बच्चों और किशोर पाठकों के लिए भी खूब लिखा है। उनकी कहानियों में बच्चों की दुनिया का हर रंग; हर खुशबू है—उनकी शरारतें और नटखटपन; उनके शिकवे-शिकायतें; उनके सुख-दु:ख और छोटी-बड़ी परेशानियाँ; साथ ही उनके खेल-कूद; मस्ती; सपने और मिलकर कुछ करने का हौसला भी। यही वजह है कि बच्चे और किशोर पाठक मनुजी की कहानियाँ ढूँढ़-ढूँढ़कर पढ़ते और सराहते हैं। कोई पच्चीस वर्षों तक लोकप्रिय बाल पत्रिका ‘नंदन’ से जुड़े रहे प्रकाश मनु की कहानियों का यही जादू उनकी चुनिंदा किशोर कहानियों की पुस्तक ‘गंगा दादी जिंदाबाद’ में एकदम नए रूप और अंदाज में सामने आया है।
‘गंगा दादी जिंदाबाद’ संग्रह में ‘मास्टर जी’; ‘प्यारे अनुराग के लिए’; ‘जब चित्र बनाए पैरों ने’; ‘मेरे प्यारे नंदू भैया’ और ‘किस्सा घुमक्कड़राम का’ सरीखी मनुजी की बेहद चर्चित किशोर कहानियाँ शामिल हैं; जिन्हें एक साथ पढ़ना रोमांचक अनुभव है। इसी तरह ‘सरस्वती बाबू’; ‘रज्जो की सहेली’; ‘अंधा गायक’; ‘मैं जीत गया पापा’ और ‘तुम भी पढ़ोगे जस्सू’ ऐसी कहानियाँ हैं; जिनमें बचपन के दु:ख और अभावों की छाया है; पर इसके बावजूद जीवन के रास्ते कभी खत्म नहीं होते; और हर मुसीबत के बाद नई राहें निकलती हैं।
विश्वास है; साहित्य अकादेमी के पहले बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित प्रकाश मनु की चुनिंदा किशोर कहानियों का यह संग्रह बच्चे खूब रस लेकर पढ़ेंगे।Ganga Dadi Zindabad by Prakash Manu: "Ganga Dadi Zindabad" authored by Prakash Manu is a book that celebrates the reverence and importance of the river Ganga. The book explores the cultural and spiritual significance of the Ganges in India.
Key Aspects of the Book "Ganga Dadi Zindabad":
River Ganga: Prakash Manu delves into the cultural, spiritual, and environmental importance of the Ganges.
Religious Significance: The book highlights the Ganges' role in Hinduism and its rituals.
Environmental Awareness: "Ganga Dadi Zindabad" raises awareness about the need to protect and preserve the Ganga.
Through "Ganga Dadi Zindabad," Prakash Manu celebrates the significance of the Ganges and encourages environmental stewardship of this sacred river.