SMRUTIYATRA

· MEHTA PUBLISHING HOUSE
ଇବୁକ୍
240
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ଏହି ଇବୁକ୍ ବିଷୟରେ

'SMRUTIYATRA' IS A BEAUTIFUL ACCOUNT OF THE MEMORIES OF THE PERSONAL ASSOCIATION OF THE AUTHOR B. D. KHER WITH NUMEROUS EMINENT WRITERS, POLITICIANS, JOURNALISTS, HISTORIANS AND POETS. THIS IS A COLLECTION OF OCCASIONAL ARTICLES ON EMINENT PERSONS FROM VARIOUS FIELDS SUCH AS SAVARKAR, TATYASAHEB KELKAR, S. M. MATE, D. V. POTDAR, V.S. KHANDEKAR, N. S. PHADKE, G. D. MADGULKAR, ACHARYA ATRE, YASHWANTRAO CHAVAN, NARASIMHA RAO AND SO ON. IT ELABORATES ON SAVARKAR'S IMMENSE POSITIVITY, NARASIMHA RAO'S INTELLECT AND HIS HUMANITY, YASHWANTRAO CHAVAN'S INTEREST IN LITERATURE AND AUTHORS, D.V.POTDAR’S ENERGETIC NATURE; A POWERFUL ORATOR LIKE P.B. BHAVE , ALSO FOCUSING THE VERSATILE POET MANMOHAN. THIS ‘SMRITIYATRA’ IS A BOOK THAT TAKES READERS DOWN MEMORY LANE AND PORTRAYS THE VIRTUES OF FAMOUS PEOPLE IN THEIR PRIME.

प्रथितयश साहित्यकार, राजकारणी, पत्रकार, इतिहासकार, कवी अशांऱ्यालेखकाबरोबरऱ्याव्यक्तिगत सहवासाऱ्याआठवणींचा ललितरम्य आलेख म्हणजे ‘स्मृतियात्रा हे भा. द. खेर यांचे पुस्तक. लेखक, कवी, राजकारणी अशी विविधांगी व्यक्तिमत्वं, सावरकर, तात्यासाहेब केळकर, श्री. म. माटे, द. वा. पोतदार, वि.स. खांडेकर, ना. सी. फडके, ग. दि. मा. , आचार्य अत्रे, यशवंतराव चव्हाण, नरसिंह राव इ. विविध क्षेत्रांतील नामवंतांवर प्रसंगपरत्वे लिहिलेऱ्यालेखांचं हे संकलन आहे. सावरकरांची पराकोटीची सकारात्मकता...नरसिंह रावांची विद्वत्ता आणि त्यांच्यातील माणुसकी...यशवंतराव चव्हाणांची साहित्यिकांविषयीची आस्था...वृद्धावस्थेऱ्यालक्षणांचा उच्चारही न करणारे द. वा. पोतदार... आवेशपूर्ण, ओजस्वी असं वत्तृÂत्व असलेले पु. भा. भावे... अष्टपैलू काव्यप्रतिभा लाभलेले कवी मनमोहन...इ. नामवंतांऱ्यागुणांचं दर्शन घडविणारी ही स्मृतियात्रा वाचकांना ऱ्याऱ्याकाळात घेऊन जाते.

ଲେଖକଙ୍କ ବିଷୟରେ

"B.D.KHER, WHO AUTHORED ABOUT 117 BOOKS DURING HIS LIFE TIME, WROTE HIS FIRST BOOK IN 1939. KHER LEFT MARATHI DAILY KESARI AS AN ASSOCIATE EDITOR AFTER 22 YEARS OF SERVICE. LATER, HE JOINED SAHYADRI AS THE EDITOR AND STAYED IN THAT POSITION FOR 10 YEARS. IN 1976, A JAPANESE FOUNDATION HAD INVITED HIM TO WRITE A NOVEL ON THE HIROSHIMA BOMBING INCIDENT. KHER RECEIVED AWARDS FOR HIS NOVELS LIKE ANANDBHAVAN, HASRE DUKKHA, HIROSHIMA, SAMAGRA LOKMANYA TILAK ETC. HE AUTHORED V D SAVARKARS BIOGRAPHY YADNYA. "


"भा.द. खेर यांचा जन्म अहमदनगरमधील कर्जत येथे झाला. ते वीस वर्षे दैनिक केसरीचे सहसंपादक आणि दहा वर्षे सह्याद्रीचे संपादक होते. समग्र टिळक व सावरकर साहित्य, यांचेही त्यांनी संपादन केले. आजवर त्यांची जवळपास शंभर लहान-मोठी पुस्तके प्रकाशित झाली आहेत. चरित्रात्मक कादंबरी हा वाङ्मयप्रकार त्यांनीच प्रथम मराठीत आणला. त्यापैकी सावरकरांवरील यज्ञ, चाफेकर बंधूंवरील क्रांतिफुले, महाभारतावरील कल्पवृक्ष, झाशीच्या राणीवरील समर सौदामिनी, चार्ली चॅप्लिनवरील हसरे दु:ख, श्रीकृष्णावरील सारथी सर्वांचा या कादंबऱ्या विशेष गाजल्या. तसेच जपानमधील अणुसंहारावरील हिरोशिमा ही कादंबरीही गाजली. याशिवाय दि प्रिन्सेस, वादळवारा, अधांतरी ही भाषांतरित पुस्तकेही लोकप्रिय ठरली. त्यांनी पन्नास वर्षे अव्याहत लेखन केले. पुरस्कार : • आनंदभवन कादंबरीला १९७४ चे सोव्हिएत लॅन्ड नेहरू अ‍ॅवॉर्ड. • हिरोशिमाला १९८४ चे सोव्हिएत लॅन्ड नेहरू अ‍ॅवॉर्ड. • हिरोशिमाला १९८४ चा महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार. • हसरे दु:खला १९९३ चा साहित्यसम्राट न. चिं. केळकर पुरस्कार."

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