"लेखक परिचय-
आलोक कुमार ने पत्रकारिता की यात्रा छात्र राजनीति के दिनों में 1988 से शुरू कर दी। पत्रकार का जूनून ही दिल्ली ले आया। अख़बार से लेकर टेलीविज़न तक में अपनी कलम और एक्सक्लूसिव खबरों का लोहा मनवाते हुए नई पीढ़ी के धीरे धीरे आदर्श बन गए।
फिलहाल फ्रीलांस पत्रकार (मान्यता प्राप्त), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार।
सहकारिता से जुड़ाव
पत्रकारिता में मिला घाट घाट का पानी पीने का सौभाग्य। सन् 2011-21 तक भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ और 2012-15 तक कृषक भारती उर्वरक सहकारी संघ (कृभको) की पत्रिका के सलाहकार संपादक व मीडिया सलाहकार रहे।
प्रिंट पत्रकार
झारंखड के दुमका जिला से आज (धनबाद) के संवाददाता से सफर का आरंभ। 1991 में आज (पटना) डेस्क पर काम। 1992, देशप्राण (रांची) में उपसंपादक। मई 1993,सांध्य दैनिक
स्केपटिक्स इंडिया से दिल्ली का सफरनामा।1994-95 तक संवाददाता,माया (दिल्ली ब्यूरो)। 1996-2001, प्रधान संवाददाता, दैनिक जागरण( राष्ट्रीय ब्यूरो)। 2003,मुख्य संवाददाता, दैनिक जागरण (पानीपत)। 2016, स्थानीय संपादक (सन स्टार,दिल्ली)।
2001-2003 तक झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री का ऱाष्ट्रीय मीडिया सलाहकार के तौर पर
झारखंड सरकार में सेवारत। संप्रति पत्रकारिता से दो वर्षों का अवकाश।
टीवी न्यूज का सफर
2003-05 प्रधान संवाददाता, जी न्यूज (राष्ट्रीय ब्यूरो)। 2005-07 प्रधान संवाददाता,आजतक (स्पेशल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो)। 2008, सहारा समय (हेड,स्पेशल इन्वेस्टगेटिव ब्यूरो)। 2008, एसोसिएट एडिटर, न्यूज 24। 2009, संपादकीय प्रशिक्षक, दैनिक भास्कर। 2010-11, प्रबंध संपादक, नेपाल वन टीवी (काठमांडू)। 2019, एसआईटी हेड (सूर्या समाचार)। संप्रति,राजनीतिक संपादक, रविवार दिल्ली।
शिक्षा क्षेत्र में योगदान
विजिटिंग फैकल्टी :-
1.भारतीय विद्या भवन, रेडियो टेलीविजन पत्रकारिता विभाग, नयी दिल्ली।
2.माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (नोएडा कैंपस)।
3.एशियन एकाडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान (मारवाह स्टूडियो,नोएडा)।
4.राष्ट्रीय सहकारी शिक्षा केंद्र (एनसीसीई),नयी दिल्ली।
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