दूसरे दिन चूहा खेत पर आया तो मटर के अंकुर निकले हुए थे। चूहे ने उसे सींचा और कहा, ‘‘मटर-मटर, कल तेरी पत्तियाँ नहीं निकलीं तो तुझे खोदकर काले बैल को खिला दूँगा।’’ सवेरा होते ही चूहा खेत पर गया, तो मटर की पत्तियाँ निकली हुई थीं। चूहे ने निराई की और कहा, ‘‘यदि कल तेरे फूल नहीं लगे तो तुझे खोदकर काले बैल को खिला दूँगा।’’