Gita Gyan: GITA GYAN: Unveiling the Eternal Wisdom of the Bhagavad Gita
Sirshree Tejparkhi
Jan 2017 · Prabhat Prakashan
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दुर्योधन ने अगर श्रीकृष्ण को युद्ध के मैदान में सारथी के रूप में माँगा होता तो क्या आज जो गीता बनी है; वह वैसी ही रहती? नहीं; गीता बदल जाती। वह गीता श्रीकृष्ण और दुर्योधन के बीच हुए वार्त्तालाप पर आधारित होती। यदि दुर्योधन की गीता बन जाती; उसके अठारह अध्याय बन जाते तो आज कितने लोगों को लाभ हो रहा होता; यह आप खुद सोच सकते हैं। आज विश्व में कौन से लोग ज्यादा हैं—कौरव या पांडव? दुर्योधन या अर्जुन? किसकी गीता बनना ज्यादा महत्त्वपूर्ण है? अर्जुन यानी वह इनसान; जो सत्य सुनने के लिए तैयार है और दुर्योधन यानी वह; जो सत्य सुनना ही नहीं चाहता। युद्ध के मैदान में यदि आप होते तो आपके सवाल क्या होते? आपकी गीता कैसी होती? आपकी गीता अर्जुन से अलग होती; आपके सवाल भी अलग होते; इसलिए कहा जाता है कि हर एक की गीता अलग है; आपकी गीता अलग है। अपनी गीता ढूँढ़ने का कर्म करें; अपने कृष्ण आप बनें; यही सच्चा कर्मयोग है।
Science fiction & fantasy
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