धीरज के जादू से जुबान; कान; आँख; नाक और हाथ सब असली खुशी पाने का साधन बन जाते हैं। बिना धीरज यही इंद्रियाँ रोग और विकार का कारण बन जाती हैं। जैसे...
जुबान - धीरज = साँप का जहर; गाली; बद्दुआ।
जुबान + धीरज = विकास की सीढ़ी; रिश्तों में मिठास
कान - धीरज = युद्ध का मैदान; शोर
कान + धीरज = सत्य श्रवण का द्वार
आँख - धीरज = माया का विज्ञापन
आँख + धीरज = करुणा की लहरों का महासागर
नाक - धीरज = डर; यम का बैल; कम साँसें
नाक + धीरज = प्राणायाम; लंबा स्वस्थ जीवन
हाथ - धीरज = पाप कर्म
हाथ + धीरज = महानिर्वाण निर्माण का साधन
धीरज में ताकत है; धीरज में जादू है। धीरज निरंतर प्रयास है; प्रहार है; जो हर मुसीबत से आपको निकाल सकता है। हर कार्य के साथ यदि धीरज जुड़ जाए तो जीवन सीधा; सहज; सरल बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप धीरज पाने के लिए धीरज के साथ प्रयत्नशील रहें।
कुछ नहीं करना; केवल इंतजार करना धीरज नहीं है। तो सवाल आ सकता है कि यह कैसे करें? जवाब बिल्कुल आसान है। इसके लिए आपको केवल यह पुस्तक पढ़कर इसमें दिए गए मार्गदर्शन को अपने दैनिक जीवन में उतारना है। www.watchwaitandwonder.com यानी थोड़ा देखें; थोड़ा इंतजार करें; मगर आश्चर्य के साथ! DHEERAJ KA JADU by SIRSHREE: This book authored by Sirshree explores the concept of patience (Dheeraj) and its transformative power. It delves into the art of cultivating patience in one's life and how it can bring about positive changes.
Key Aspects of the Book "DHEERAJ KA JADU":
The Power of Patience: Discusses the significance of patience and its impact on personal growth and well-being.
Transformation: Offers insights on how practicing patience can lead to positive transformations in various aspects of life.
Author's Wisdom: Presents Sirshree's wisdom and guidance on incorporating patience into daily life.
SIRSHREE is the author of this book, known for his teachings and spiritual insights. "DHEERAJ KA JADU" reflects his philosophical perspective on patience.