-हर विचार पर यकीन क्यों न करें।
-जिस डील में दुःख आता है, वहाँ डील न करें।
-विचारों से डील करना आ गया तो कभी खुशी कभी गम नहीं बल्कि कभी खुशी, कभी ज़्यादा खुशी होगी।
-‘ज’ का चुनाव करते हैं तो जीवन की तरफ जाते हैं, ‘च’ का चुनाव करते हैं तो चक्रव्यूह में फँसते हैं।
-जिस चीज़ का श्रेय आपको सामनेवाला नहीं देता, उसका फल आपको कुदरत की तरफ से मिलता है और कई गुना बढ़कर मिलता है।
-लोग और घटनाएँ आपको तब तक दुःखी नहीं कर सकतीं, जब तक आप दुःखी होना न चाहें।
-मन बाहर बंदर, मन अंदर वंडर (वॉच वेट विथ वंडर)
विचारमानव, महामानव और टीनू की छोटी सी कहानी का आनंद उठाकर, उसके सीखे हुए सबक का लाभ आप स्वयं लें तथा अपने बच्चों को भी दें।