सूर्य ही पृथ्वी की समस्त ऊर्जाओं का स्रोत है । हवा सूर्य के कारण ही चलती है और पर्वतों पर जमी बर्फ सूर्य के ताप से ही पिघलती है; जिससे हमारी गंगा-यमुना जैसी नदियाँ गरमियों में भी नहीं सूखती हैं । मनुष्य ने सूर्य द्वारा दी जानेवाली ऊर्जा को उपयोगी बनाने के लिए अनेक उपकरण बनाए । एक ओर सूर्य से मिलनेवाले ताप से पानी गरम किया गया और उससे मशीनें आदि चलाई गईं तो दूसरी ओर उससे समुद्र के पानी को सुखाकर नमक तैयार किया गया ।
नवीन शोधों ने सूर्य के प्रकाश से सीधे बिजली पैदा करना सरल बना दिया । आज कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ सिर्फ सौर ऊर्जा का ही उपयोग हो सकता है; जैसे-पृथ्वी का चक्कर लगा रहे उपग्रह; दूसरे ग्रहों पर जानेवाले यान इत्यादि । इसके अतिरिक्त दुर्गम और पहाड़ी इलाकों; समुद्र के बीच तेल खनन केंद्रों; छोटे निर्जन द्वीप आदि क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ सौर ऊर्जा एकमात्र साधन वन सकता है या पवन ऊर्जा के साथ मिलकर विश्वसनीय और प्रभावी ऊर्जा स्रोत बन सकता है ।
प्रस्तुत पुस्तक में विद्वान् लेखक ने सौर ऊर्जा से संबंधित अनेक महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दी हैं । पुस्तक को पढ़कर पाठकगण लाभान्वित होंगे और सौर ऊर्जा संबंधी व्यापक जानकारी से स्वयं को समृद्ध कर सकेंगे । विद्यार्थियों; शिक्षकों; लेखकों; पत्रकारों; वैज्ञानिकों तथा आम पाठकों हेतु एक पठनीय और संग्रहणीय ग्रंथ ।Key Aspects of the Book "Saur Oorja":
Solar Energy: The book may provide information about solar power generation, its benefits, and its role in renewable energy sources.
Technology and Innovation: It might discuss advancements in solar technology and its impact on the environment.
Environmental Sustainability: "Saur Oorja" could emphasize the importance of solar energy in promoting a sustainable future.
The author, Vinod Kumar Mishra, may be a scientist or expert in the field of solar energy, sharing knowledge and insights on harnessing solar power.