Krantinayak Bipin Chandra Pal: Revolutionary Ideals: Krantinayak Bipin Chandra Pal by M.I. Rajasvi

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भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की नींव तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभानेवाली लाल-बाल-पाल की तिकड़ी में से एक बिपिनचंद्र पाल राष्‍ट्रवादी नेता होने के साथ-साथ शिक्षक, पत्रकार, लेखक और एक प्रखर वक्‍ता भी थे। उन्हें भारत में क्रांतिकारी विचारों का जनक माना जाता है। लाल-बाल-पाल की इस तिकड़ी ने सन् 1905 में बंगाल-विभाजन के विरोध में ब्रिटिश शासन के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन किया। उन्होंने महसूस किया कि विदेशी उत्पादों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो रही है और यहाँ तक कि लोगों का काम-काज भी छिन रहा है, अतः अपने आंदोलन में उन्होंने इस विचार को भी सामने रखा। राष्‍ट्रीय आंदोलन के दौरान ‘गरम धड़े’ के अभ्युदय को महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इससे आंदोलन को एक नई दिशा मिली और भारतीय जनमानस में जागरूकता बढ़ी। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महर्षि अरविंद के खिलाफ गवाही देने से इनकार करने पर बिपिनचंद्र पाल को छह महीने की सजा हुई। जीवन भर राष्‍ट्र-हित के लिए काम करनेवाले बिपिनचंद्र पाल 20 मई, 1932 को भारत माँ के चरणों में अपना सर्वस्व त्यागकर परलोक सिधार गए। Krantinayak Bipin Chandra Pal by M.I. Rajasvi: Uncover the inspiring journey of Bipin Chandra Pal, an Indian freedom fighter and nationalist leader, in Krantinayak Bipin Chandra Pal by M.I. Rajasvi. Explore his revolutionary ideas, political activism, and contributions to the Indian independence movement. Gain insights into his role in social reform, patriotism, and shaping political ideologies during a crucial period in India's history. Explore the life and revolutionary ideals of Bipin Chandra Pal, one of the triumvirate of Lal Bal Pal, with Krantinayak Bipin Chandra Pal by M.I. Rajasvi. This captivating book delves into Pal's unwavering commitment to India's independence struggle, his powerful oratory, and his vision of a socially just and egalitarian society. Discover the indomitable spirit of a freedom fighter who inspired generations. Bipin Chandra Pal, Indian freedom fighter, nationalist leader, revolutionary ideas, Indian independence movement, political activism, social reform, patriotism, anti-colonial struggle, political ideologies, social transformation, Indian nationalism, historical figures, influential leaders

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एम.आई. राजस्वी जन्म : 2 जून, 1967 को ग्राम लाँक, जिला शामली, उत्तर प्रदेश में। शिक्षा : स्नातक (उस्मानिया विश्‍वविद्यालय, हैदराबाद)। कृतित्व : ‘हरियाणा हैरिटेज’ में संपादन कार्य किया। दिल्ली के कई प्रतिष्‍ठ‌ित प्रकाशन संस्थानों के लिए वैतनिक एवं स्वतंत्र रूप से संपादन-लेखन कार्य; विभिन्न प्रकाशन संस्थानों से अब तक लगभग 65 पुस्तकें प्रकाशित। देश की सामाजिक समस्याओं पर 10 कहानियाँ एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में राजनीतिक-सामाजिक विष्ायों पर अनेक लेख Âý•¤æçàæÌÐ

Krantinayak Bipin Chandra Pal by M.I. Rajasvi: Uncover the inspiring journey of Bipin Chandra Pal, an Indian freedom fighter and nationalist leader, in Krantinayak Bipin Chandra Pal by M.I. Rajasvi. Explore his revolutionary ideas, political activism, and contributions to the Indian independence movement. Gain insights into his role in social reform, patriotism, and shaping political ideologies during a crucial period in India's history.

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