Ekagrata Ke Sartaj - SANT EKNATH: Jeevan Charitra Aur Bahumulya Shikshayen

· WOW PUBLISHINGS PVT LTD
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आज्ञा और एकाग्रता का दूसरा नाम
संत एकनाथ

आज्ञा के प्रति निष्ठा और एकाग्रता का उत्तम उदाहरण कौन है? संत एकनाथ। संत एकनाथ में हमेशा से सत्य की प्यास थी, जिसने उन्हें गुरु जनार्दन स्वामी से मिलवाया।
एकनाथ महाराज का जीवन हमें संसार में रहकर ही सत्य प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। आज अगर हमारी प्रार्थना सत्य पर स्थापित होने की है, सत्य को स्वयं अनुभव करने की है तो इसके लिए जरूरी घटनाक्रम स्वत: ही बन जाता है और आप सही स्थान पर पहुँच जाते हैं। जैसे एकनाथ बारह साल की उम्र में अपने महान गुरु के पास पहुँचे थे। वहीं से उनके जीवन को एक नई दिशा मिली थी। आइए इस पुस्तक को पढ़कर हम भी अपने जीवन को नई दिशा देने का प्रयास करें।

Ratings and reviews

4.7
11 reviews
hirenn
August 12, 2018
Extremely powerful book. Every one please buy it and read.thank you
12 people found this review helpful
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Vinayak bhat Siddhanti
September 21, 2021
Good
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About the author

सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।

उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।

सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’

सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अ‍ॅण्ड सन्स इत्यादि।

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