सेवा का वास्तविक अर्थ है अच्छाई और सच्चाई का दर्शन करना। सेवा का असली स्वाद तभी आता है, जब हम इससे स्वयं की आंतरिक सफाई करते हैं। साथ ही दूसरों की मदद करने के लिए पहले खुद की मदद करते हैं।
दिल से की गई सेवा हमें अपने नए रूप से मिलाकर, आत्मविकास की दिशा में एक कदम आगे ले जाती है।
प्रस्तुत पुस्तक में हम सेवा के विषय को जाननेवाले हैं। जैसे-
* सेवा, सेवक की सेवा कैसे करे?
* सेवा में क्या करें, क्या न करें?
* सेवा की बारह कमजोरियाँ कौनसी हैं?
* सेवा में ली जानेवाली बारह खबरदारियाँ क्या हैं?
* सेवा की बारह शक्तियाँ कौनसी हैं?
* सेवा सत्य की खोज में किस प्रकार से सहायक हो सकती है?
* सेवा के कितने और कौनसे प्रकार हैं?
* सेवा का असली अर्थ और उद्देश्य क्या है?
तो आइए, सेवा की समझ पाकर, हम अपनी क्षमताओं को पहचानें और एक सुखी, समृद्धशील समाज का निर्माण करें क्योंकि यह एक साथ होने की भावना है, जहाँ सभी एक दूसरे के साथ हैं और एक-दूसरे के लाभ के लिए निमित्त बनते हैं।
सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।
उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।
सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’
सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।