“एक नदी के किनारे पीपल का पेड़ था। पेड़ के नीचे खड़ा-खड़ा एक सियार नदी का पानी पी रहा था। अचानक एक मगरमच्छ ने सियार की टाँग पकड़ ली।
सियार ने अपनी जान मुश्किल में देखकर कहा, “मगर मामा, तुमने मेरी टाँग पकड़ने की बजाय पीपल की जड़ पकड़ ली है।'' मगर ने झट सियार की टाँग छोड़कर पीपल की जड़ पकड़ ली और सियार अपनी टाँग छूटते ही पानी में से उछलकर बाहर जा खड़ा हुआ। मगर ने जब सियार को भागते देखा, तो उसने समझ लिया कि चालाक सियार उसे धोखा देकर भागा जा रहा है।” —पुस्तक से