जीने के लिए तो हर कोई जीता है लेकिन एक जीवन ऐसा भी होता है, जो हमें ऊँचाइयों की ओर ले जाता है। एक सात मंज़िली ऊँची बिल्डिंग में पहली मंज़िल पर रहनेवाला इंसान वह नहीं देख पाता, जो सातवीं मंज़िल पर रहनेवाला देख पाता है।
समझ (चेतना) के साथ भी ऐसा ही होता है। जैसी हमारी समझ होती है, दुनिया वैसी ही दिखाई देती है। यदि यकीन न हो तो पुस्तक के मुख्यपृष्ठ और इसी पृष्ठ पर ऊपर दिए गए चित्र को गौर से देखें। हर किसी को उसकी चेतना अनुसार चित्र में अलग-अलग आकार और रूप दिखाई देंगे।
आगे जैसे-जैसे समझ बढ़ती जाती है, वैसे ही जीवन को देखने का दृष्टिकोण भी बदलते जाता है। इसलिए इस समय आपकी चेतना किसी भी स्तर पर हो, उसे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि यही प्रयास आपको बेहतर जीवन की ओर ले जाएगा।
क्या आप बेहतरीन और सच्चा जीवन जीना चाहते हैं? अगर ‘हाँ’ तो इस पुस्तक में आप चेतना क्या है और चेतनाशक्ति बढ़ाने के तरीके क्या हैं, ये जान लें। ये तरीके रोज़मर्रा के जीवन में आपके काम आऍँगे और आपके जीवन को बेहतर बनाकर, सच्चा सुख देंगे।
सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।
उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।
सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’
सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।